भारत में मेट्रो रेल लेकर आने वाले और बहुत सी बड़ी परियोजनाओं के विकास में कुशलता दिखाने वाले ई श्रीधरन ने बीजेपी ज्वाइन कर ली है। इसके बाद उनका बयान आया है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा है कि उनका लक्ष्य केरल में बीजेपी को सत्ता में लाना है। वहीं उन्होंने खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी घोषित कर दिया है। उन्होंने कहा है कि वे सीएम की कुर्सी संभालने को तैयार हैं। वे अगले सप्ताह ही बीजेपी ज्वाइन करने वाले हैं। इसी के साथ ही वे अपनी राजनीति के करियर की शुरुआत करेंगे।
मेट्रो मैन के नाम से जाने जाने वाले ई श्रीधरन ने शुक्रवार को एक बयान दिया है जिसमें उन्होंने कहा है कि इसी साल केरल में अप्रैल-मई में जो विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, उसमें वे जरूर खड़े होंगे और जीतेंगे। यदि वे जीतते हैं तो राज्य की आधारभूत संरचना को बहुत तेजी से विकसित करेंगे और उसके अलावा राज्य पर जितना भी कर्ज है उसको निपटाने का पूरा पूरा प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा है कि यदि पार्टी उन्हें कोई भी जिम्मेदारी देती है तो उसे निभाने के लिए वे पूरी तरह तैयार है। वे पूरी तरह से भाजपा के समर्थन में हैं। वे बीजेपी को केरल में सत्ता दिलाना के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं। साथ ही उनका ध्यान राज्य की आधारभूत संरचना व राज्य के विकास पर केंद्रित रहेगा।
उन्होंने मनीष सिसोदिया को भी कहा है कि वे अपनी राजनीति चमकाने के लिए मेट्रो का प्रयोग व उसे बर्बाद ना करें। उन्होंने केरल की परिस्थितियां बताते हुए कहा कि केरल के प्रत्येक मलयाली व्यक्ति पर एक लाख से ज्यादा का कर्ज है और राज्य दिवालिया होने की कगार पर है। कुल मिलाकर राज्य की वित्तीय स्थिति खराब है और वे चाहते हैं कि वे इसको ठीक कर सकें।
ई श्रीधरन का अचानक से राजनीति में आना और बीजेपी ज्वाइन करना अनपेक्षित था। उनके राजनीति में आने के बाद कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने भी उनकी प्रशंसा की है। श्रीधरन ने कहा है कि वे राज्यपाल का पद संभालने को तैयार नहीं हैं। हालांकि मोदी कैबिनेट में यह देखा जाता है कि 75 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति को राज्यपाल बनाया जाता है। लेकिन इस श्रीधरन का मानना है कि यह पूरी तरह से संवैधानिक पद है और इसकी अपनी कोई शक्तियां नहीं होती। इस तरह के पद पर रहकर वे राज्य और पार्टी का भला नहीं कर सकते। इसलिए यदि पार्टी राजी हो तो सीएम का पद संभालने के लिए वे तैयार होंगे।
ई श्रीधरन ने अपने तकनीकी करियर में खूब विकास कार्य किए हैं और देश की तरक्की में भी एक अहम योगदान दिया है। ऐसे में उनका राजनीति में एक अलग वर्चस्व होना लाज़मी है। श्रीधरन के अभी तक के क्रांतिकारी रवैये को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे सच में बेहतर राजनीति की तरफ एक कदम बढ़ाना चाहते हैं। हालांकि केरल चुनाव के नजदीक होने पर उनका राजनीति में आना राजनीतिक मकसदों की तरफ भी इशारा कर रहा है। यदि केरल में बीजेपी सत्ता में आती है तो निश्चित ही इसमें श्रीधरन की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।