किसान आंदोलन में सुरक्षा व्यवस्था देखने वाले पुलिस कर्मियों के लिए को दिल्ली सरकार ने झटका दिया है। दिल्ली पुलिस के बहुत सारे सुरक्षाकर्मी दिल्ली की सीमाओं पर तैनात हैं और अपनी जान पर खेलकर आंदोलन में सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। लेकिन दिल्ली सरकार ने आंदोलन में लगे सुरक्षा कर्मियों को दी जाने वाली डीटीसी बस की सुविधा को वापस ले लिया है। डीटीसी ने स्पेशल हायर में लगी बसों को तत्काल प्रभाव से वापस हटाने का प्रस्ताव दिया है।
डीटीसी परिवहन विभाग का कहना है कि स्पेशल हायर में सुरक्षा कर्मियों को बस बसें देने के बाद सामान्य लोगों को सड़कों पर बस नहीं मिल रही हैं और लोगों को आवाजाही में परेशानी हो रही है। इसके चलते डीटीसी ने सुरक्षा कर्मियों को दी जाने वाली बस की सेवा को वापस ले लिया है। यह बसें सुरक्षा कर्मियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाने ले जाने का काम कर रही थीं। इनका प्रयोग पैरामिलिट्री, दिल्ली पुलिस और अन्य जवानों के द्वारा किया जा रहा था। डीटीसी को 26 जनवरी की हिंसा के दौरान भी काफी नुकसान झेलना पड़ा। दिल्ली में अक्सर ही आंदोलनों के चलते डीटीसी सबसे पहले प्रभावित होती है।
गणतंत्र दिवस के दौरान हुई हिंसा में भी 45 डीटीसी बसों को नुकसान हुआ था। डीटीसी का तर्क है कि इसी के बाद दिल्ली की सड़कों पर डीटीसी बसों की संख्या कम हुई और इसके चलते अब सुरक्षा कर्मियों से बसों की सेवा वापस ली जा रही है। दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद दिल्ली सरकार का विरोध होना शुरू हो चुका है। किसान आंदोलन के विरोधियों का कहना है कि केजरीवाल सरकार ने ऐसा कदम इसलिए उठाया है, ताकि आंदोलन में पुलिस की भूमिका को कमजोर किया जा सके। इसी के चलते दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने डीटीसी की स्पेशल हायर की बसें वापस मंगवाने का फरमान सुनाया है।
दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के अंतर्गत आने वाली डीटीसी बसों में से कुछ बसें सुरक्षा एजेंसियों दिल्ली पुलिस के द्वारा जरूरत पड़ने पर प्रयोग की जा सकती हैं और दिल्ली पुलिस द्वारा इन बसों के प्रयोग को मंजूरी दिल्ली की सरकार देती है। जब से किसान आंदोलन शुरू हुआ है तब से डीटीसी की बहुत सारी बसें सुरक्षा कर्मियों के द्वारा प्रयोग में लाई जा रही थी। इतने बड़े स्तर पर हो रहे आंदोलन को संभालने के लिए जो बसें प्रयोग की जा रही थी, अब वे सुरक्षा एजेंसियों को वापस करनी होंगी।
दिल्ली सरकार का कहना है कि यदि पुलिस व सुरक्षा कर्मी बसों की सेवा चाहते हैं तो वे कॉन्ट्रैक्ट बसों को हायर करें और डीटीसी बसें हायर कर के सामान्य लोगों के लिए परेशानी न बढ़ायें। अब इस आंदोलन को संभालना दिल्ली पुलिस के लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है। आवाजाही के लिए संसाधन वापस ले लिए जाने से अब पुलिसकर्मी व सुरक्षाकर्मी समय पर आन्दोलन स्थल या किसी भी अनहोनी होने की स्थिति में वहां समय पर नहीं पहुंच पाएंगे। दिल्ली सरकार का यह फैसला अब दिल्ली सरकार के आंदोलन के प्रति मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है।