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    ममता बनर्जी की जय श्रीराम के नारे से नाराजगी जगजाहिर है।नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के दौरान हुए कार्यक्रम में भी ममता बनर्जी जाने पर के आने पर लोगों ने जय श्रीराम के नारे लगाए थे, जिस पर वह खफा हो गई थी। उन्होंने इस पर नाराज़गी जताई थी। इसके बाद अब खबर आ रही है कि ममता बनर्जी इस नारे पर निंदा प्रस्ताव विधानसभा में लाने जा रही हैं। ममता बनर्जी को इस नारे से खासी चिढ़ है और अब वे इसके खिलाफ एक्शन लेने के मूड में हैं।

    ममता बनर्जी का यह कदम बोस जयंती के दिन हुए घटनाक्रम की ही प्रतिक्रिया नजर आ रहा है। तृणमूल कांग्रेस ने उसी वक्त यह जाहिर कर दिया था कि इस हरकत के खिलाफ वे निंदा प्रस्ताव ला सकती हूं। लेकिन वहीं यह भी देखा जा रहा है कि कम्युनिस्ट पार्टियां ममता बनर्जी का निंदा प्रस्ताव में साथ नहीं देने वाली। साथ ही कांग्रेस ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन करने से इंकार कर दिया है। राज्य में 2 दिन के विशेष सत्र का की शुरुआत हुई है। यह सत्र बुधवार से शुरू हुआ है।

    ममता बनर्जी की पार्टी इस विशेष सत्र की अध्यक्षता कर रही है और इस पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पास करने और साथ ही जय श्रीराम के नारे लगाए जाने के खिलाफ चर्चा की जानी है।

    वहीं कांग्रेस व कम्युनिस्ट पार्टियों का यह कहना है कि यदि जय श्रीराम के नारे पर निंदा प्रस्ताव लाया जाता है तो कांग्रेस व माकपा इसका तब तक समर्थन नहीं करेंगे जब तक ममता बनर्जी खुद पश्चिम बंगाल में संविधान व विपक्ष का सम्मान सुनिश्चित न करें। यानी कि यह साफ है कि कांग्रेस और माकपा इस खेल में सुरक्षित जोन में खेलना चाह रहे हैं। ममता बनर्जी के इस निंदा प्रस्ताव को लेकर आना पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में उन पर उल्टा दांव पड़ सकता है।

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