किसान आंदोलन का आज 53वां दिन है। जल्द ही गणतंत्र दिवस मनाया जाने वाला है और किसानों की ट्रैक्टर रैली को लेकर भी सुगबुगाहट तेज हो चुकी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली की सीमा में किसे प्रवेश देना है किसी नहीं यह पुलिस तय करेगी। जबकि किसानों का कहना है कि यदि सुप्रीम कोर्ट आदेश देता है तो किसान ट्रैक्टर रैली नहीं निकालेंगे।
किसानों ने दिल्ली के रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली की इजाजत मांगी है। लेकिन पुलिस इसके लिए तैयार नहीं है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चली है और कोर्ट ने यह फैसला पूरी तरह से पुलिस के पक्ष में डाला है। वहीं पुलिस का कहना है कि गणतंत्र दिवस के दिन किसानों की रैली से व्यवस्था बिगड़ सकती है व शांति भंग हो सकती है। बुधवार को इस मामले में फिर से सुनवाई की जानी है।
इसी बीच किसानों के एक संगठन ने पुलिस से रामलीला मैदान में आंदोलन की इजाजत मांगी है। किसानों ने भरोसा दिलाया है कि गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली से गणतंत्र दिवस की परेड में कोई रुकावट या बाधा नहीं आएगी। किसानों का कहना है कि सरकार उन्हें थकाने की साजिश कर रही है, लेकिन वे इस साजिश में फंसने वाले नहीं है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी कि एनआईए ने लगभग 50 लोगों को समन भेजा है जो इस आंदोलन में किसी न किसी तरह से शामिल हैं। एनआईए को अंदेशा है कि इस आंदोलन में खालिस्तानी लिंक व टेरर फंडिंग के तार शामिल हो सकते हैं। साथ ही एनआईए ने फ्री सर्विस आदि का रिकॉर्ड भी मांग लिया है। किसान संगठन इसे आंदोलन को कुचलने की साजिश बता रहे हैं। केंद्र सरकार अभी भी अपनी स्टैंड पर अडिग है कि वे कानून में हरसंभव बदलाव करने को तैयार है, लेकिन किसान भी अपने अड़ियल रवैये पर अड़े हुए हैं।