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    लगातार 50 दिन से जारी किसान आंदोलन पर आज नौवें दौर की बातचीत होने वाली है। पिछले आठ दौर की बैठक बेनतीजा रही हैं और किसानों की 4 में से 2 मांगों को मान भी लिया गया है। बची हुई दो मांगों को लेकर बैठक आज होनी है। इन्हीं दो मांगों पर पिछली दो से तीन बैठक बेनतीजा रही हैं। किसान अपने अड़ियल रवैया से पीछे नहीं हट रहे हैं और सरकार उन्हें मनाने का हर संभव प्रयास कर रही है।

    केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। इस फैसले में न्यायालय ने कृषि कानूनों पर स्टे लेने की बात की है। कृषि मंत्री ने कहा है कि उच्चतम न्यायालय के फैसले का सरकार स्वागत करती है और जब भी न्यायालय समिति के सामने सरकार को बुलाएगी तो हम अपना पक्ष जरूर रखेंगे। वहीं किसानों का कहना है कि समिति में मौजूद सभी सदस्य नए कृषि कानूनों के पक्षधर हैं। किसानों को उनके सामने बातचीत करने की इच्छा नहीं है।

    वहीं बड़ी खबर यह है कि सुप्रीम कोर्ट की 4 सदस्य समिति में से भूपेंद्र सिंह मान अलग हो चुके हैं। अलग होने का कारण उन्होंने यह बताया है कि वे किसान यूनियन के सदस्य रहे हैं। वे किसानों की भावनाओं को समझते हैं और इसके चलते वे समिति में होने की जिम्मेदारी नहीं ले सकते। उनका कहना है कि वे कभी भी किसानों के खिलाफ नहीं जा सकते। खबर है कि उन्हें कनाडा से जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं।

    किसान नेता राकेश टिकैत ने भूपेंद्र सिंह मान के फैसले को आंदोलन की वैचारिक जीत का नाम दिया है। राकेश टिकैत का कहना है कि वे भूपेंद्र सिंह मान को किसान आंदोलन में शामिल होने का खुला न्योता दे रहे हैं। उम्मीद की जा रही है कि शायद आज की बैठक में कोई नतीजा निकले। यदि आज की बैठक बेनतीजा रहती है तो किसान 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकालने की पूरी तैयारी कर चुके हैं।

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