पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। पूर्व राज्यसभा सांसद और टीएमसी के बड़े नेता के डी सिंह को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लांड्रिंग के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। आरोप है कि के डी सिंह पूछताछ के दौरान अपने वित्तीय लेनदेन के मामलों की सही जानकारी नहीं दे पाए थे।
पश्चिम बंगाल में सियासी हलचल और उठापटक जारी है। इसी के बीच प्रवर्तन निदेशालय ने तृणमूल कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। अधिकारियों के मुताबिक 2 दिन बाद के डी सिंह को अदालत के सामने पेश किया जाएगा। के डी सिंह 2014 अप्रैल में राज्यसभा सांसद चुने गए थे और वे तृणमूल के दिग्गज नेताओं में से एक हैं।
के डी सिंह अल्केमिस्ट ग्रुप के अध्यक्ष रह चुके हैं। इस ग्रुप पर 2016 में धोखाधडी का केस किया गया था। इसी के संबंध में आज गिरफ्तारी की गई है। इस कंपनी पर 1900 करोड रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है। साथ ही इसके डायरेक्टर और शेरहोल्डर्स पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है। उनके बेटे का नाम भी इस प्रकरण में शामिल बताया जा रहा है।
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार अलकेमिस्ट ग्रुप से जुड़ी सभी कंपनियों की जांच की जाएगी। उन पर मनी लॉन्ड्रिंग और लोगों से धोखाधड़ी के गंभीर मामले दर्ज हैं। आरोप है कि के डी सिंह ने लोगों से पैसे लेकर दूसरी कंपनी में इन्वेस्ट किए हैं और इसके लिए उन्होंने बहुत से अलग-अलग तरह के बहानों का प्रयोग किया है। साथ ही अपनी निजी संपत्तियों में भी उन्होंने खूब निवेश किया है।
दरअसल जिन कंपनियों के नाम पर यह धोखाधड़ी चल रही थी, वे कंपनियां भी सिर्फ कागजों में ही थी। और हकीकत में उनको कोई अस्तित्व नहीं था। प्रवर्तन निदेशालय ने साल 2019 में के डी सिंह की 239 करोड़ की संपत्ति पर भी जब्त की थी और आज ये बड़ी कार्रवाई की गई।