लगातार डेढ़ महीने से जारी किसान आंदोलन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हो चुकी है। ये आंदोलन पिछले डेढ़ महीने से चल रहा है और आंदोलनकारियों ने दिल्ली के सभी बड़े बॉर्डरों को घेर रखा है। साथ ही आंदोलनकारी किसी भी तरह की मध्यस्थता के लिए राजी नहीं हैं। सरकार व किसानों के बीच की बहुत सी वार्ताएं विफल हो चुकी हैं। किसानअपनी जिद पर अड़े हैं। इसके कारण आम लोगों को दिल्ली – नॉएडा आने जाने में परेशानी हो रही है।
लोगों को रोड रूट डायवर्जन का भी सामना करना पड़ रहा है और साथ ही जाम समेत और भी अन्य समस्याएं सामने आ रही हैं। ऐसे में ऋषभ शर्मा नाम के एक याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में आंदोलन के खिलाफ हलफनामा दायर कर दिया है। एक अनुमान के मुताबिक किसान आंदोलन के कारण रोजाना देश को 3500 करोड़ रुपए क नुकसान झेलना पड़ रहा है।
याचिकाकर्ता ने याचिका में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा शहीन बाग मामले पर दिए गए फैसले का हवाला दिया है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि इस आंदोलन के कारण रोजाना भारी मात्रा में नुकसान के साथ-साथ और भी कई समस्याएं झेलनी पड़ रही है। इसलिए किसानों को इस बॉर्डर से हटा देना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग मामले में फैसला दिया था कि किसी भी तरह का प्रदर्शन सड़क जाम करके नहीं किया जा सकता। इसी फैसले का हवाला देते हुए किसान आंदोलन के खिलाफ याचिका दायर की गई है। यह याचिका किसान आंदोलन के खिलाफ दायर हुई दूसरी याचिका है। इससे पहले भी एक याचिका कोर्ट में दायर की जा चुकी है और उस पर 11 जनवरी को सुनवाई होना तय हुआ है। सुप्रीम कोर्ट का निर्देश था कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण हो, लेकिन आंदोलनकारियों ने फिर भी किसी ना किसी रूप में बहुत सी सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है।