सैन्ट्रल विस्ता परियोजना को आज सुप्रीम कोर्ट की तरफ से हरी झंडी मिल गई है। बीजेपी सरकार द्वारा ये परियोजना दी गई है जिसके तहत नए संसद भवन का निर्माण होना है। लेकिन विपक्ष के लगातार विरोध और पर्यावरण संबंधी कुछ रोकों के चलते इसके निर्माण का रास्ता साफ होता नहीं दिख रहा था।
विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सरकार को कोरोना काल में नए संसद भवन पर निर्माण के बजाये समाज कल्याण पर खर्च करना चाहिये। नया संसद भवन बनना पूरी तरह पैसे की बर्बादी है। वहीं पिछली बार इस मामले पर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ शिलान्यास की अनुमति दी थी। और इसके बाद प्रधानमंत्री ने संसद भवन परिसर का शिलान्यास कर दिया था। लेकिन आज सभी अटकलों को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने निर्माण कार्य की अनुमति दे दी है।
इस परियोजना के तहत राजपथ का कायाकल्प किया जाएगा। साथ ही राजपथ पर पड़ने वाले सभी सरकारी भवनों का जीर्णोद्धार किया जाएगा। संसद भवन की नई बिल्डिंग बनेगी जहां सभी मंत्रालय, विभाग, कार्यालय आदि आसानी से समायोजित किए जा सकेंगे। इस पूरी परियोजना में लगभग 20,000 करोड रुपए की लागत आनी है। और उम्मीद है कि 2024 तक नया संसद भवन व राजपथ का पुनरुद्धार हो जाएगा।
नया संसद भवन त्रिभुजाकार का होगा और इसमें 888 सदस्यों के बैठने का प्रबंध होगा। भविष्य में इसे और ज्यादा बढ़ाने पर भी प्रयास किया जाएगा। वहीं वर्तमान में सदनों में बैठने की जगह इससे कई गुना कम है। इसके निर्माण में वर्तमान संसद भवन की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा और नए भवन की बिल्डिंग को भी तमाम नई तरह की तकनीकी से लैस किया जाएगा। साथ ही वहां भी सुरक्षा के मानक इंतजाम होंगे। आज इस योजना को हरी झंडी मिलने के बाद देश को जल्द ही नया संसद भवन मिलने जा रहा है।