प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आज सर्वसमत्ति से सरकार द्वारा दिए गए प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। किसान संगठन का कहना है कि सरकार को तीनो कानूनों को वापस लेना होगा। इसके अलावा किसानों ने विरोध को और अधिक बढ़ाने की घोषणा कर दी है।
किसानों के मुताबिक वे दिल्ली-जयपुर हाईवे को ब्लॉक करेंगे, रिलायंस मॉल का बॉयकॉट एवं टोल प्लाजा पर कब्ज़ा करेंगे। उन्होनें कहा कि 14 दिसंबर से देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो जाएंगे।
जाहिर है किसानों और सरकार के बीच आज पांचवी बार बातचीत हुई थी। इससे पहले किसानों ने साफ़ कर दिया था कि क़ानून वापस लेने के अलावा वे कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे। सरकार ने आज किसानों को अपना प्रस्ताव भेजा था जिसमें न्यूनतम मूल्य को जारी रखने समेत कई बदलाव थे।
जानें इससे जुड़ी अहम् जानकारी:
- सरकार ने 13 किसान संगठनों को ड्राफ्ट भेजा है जिसमें सरकार ने कहा है कि वह किसानों की सभी समस्याओं पर बातचीत करने के लिए तैयार है। इसके अलावा सरकार ने कहा है कि वह इन कानूनों में बदलाव करने के लिए तैयार है।
- किसानों ने कल शाम को गृहमंत्री अमित शाह से इस बारे में बातचीत की थी, लेकिन इसका कोई समाधान नहीं निकाला जा सका। अमित शाह ने नियमों में बदलाव करने का प्रस्ताव रखा था, जिसे किसानों ने मना कर दिया था। इसके बाद सरकार ने कहा था कि वह आज किसानों को लिखित में अपना जवाब भेज देगी।
- आज सरकार का जवाब आने से पहले किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग की थी जिसमें यह निश्चित किया गया था कि जब तक सरकार इन नियमों को वापस नहीं लेगी, उनका विरोध जारी रहेगा।
- भारतीय किसान संघ के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, “हम सरकार के प्रस्ताव पर विमर्श करेंगे। किसान वापस नहीं जाएंगे। यह उनके सम्मान की बात है। क्या सरकार नियमों को वापस नहीं लेगी? यदि सरकार जिद्दी है, तो किसान भी जिद्दी हैं। इन कानूनों को वापस लेना ही होगा।”
- किसानों के इस डर पर कि बड़े व्यापारी उनकी जमीनों को हड़प लेंगे, सरकार ने कहा कि कानून में ऐसा लिखा है कि किसी को भी खेती की जमीन के लिए लोन नहीं दिया जाएगा और किसानों पर ऐसा दबाव नहीं बनाया जाएगा।
- इसके अलावा केंद्र सरकार ने साफ़ किया कि राज्य सरकार ऐसे व्यापारियों को दर्ज करे जो मंडी से बाहर व्यापार करना चाहते हैं। राज्य सरकार इन व्यापारियों पर टैक्स और सेस लगा सकती है, जो मंडी के नियमों के अनुसार हो।