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    नरेन्द्र मोदी बैंगलोर

    आशंका जताई जा रही है कि, प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत बेंगलुरु बंद से हो सकता है। पीएम मोदी रविवार को शहर में एक मेगा मिटिंग को संबोधित करने के लिए आऐंगे। एक हफ्ते पहले ही, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का स्वागत भी कुछ इसी अंदाज में हुआ था।

    रविवार का बेंगलुरु बंद उन्ही कन्नड संगठनों द्वारा आयोजित किया है जिन्होंने शाह की यात्रा के दौरान, महादई नदी के पानी के बंटवारे पर केंद्र सरकार के कोई भी कदम ना उठाने पर बंद का आह्वान किया था। शुक्रवार को एक जन याचिका पर सुनवाई करते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने बंद को असंवैधानिक बताया।

    वरिष्ठ कन्नड नेता और पूर्व सांसद वतल नागराज इस बंद के अध्यक्ष हैं। पत्रकारों से बातचीत में वतल ने बताया कि, “मुंबई-कर्नाटक क्षेत्र के लोग पानी की कमी से जुझ रहे है। हम हमारे हिस्से का पानी मांग रहे है। बीजेपी शासित गोवा किसी दुश्मन देश की तरह व्यवहार कर रहा है। प्रधानमंत्री चाहें तो यह विवाद बहुत ही कम समय में सुलझा सकते हैं। हमने उनसे बहुत बार विनती भी की, पर उनका कोई जवाब नही आया। अगर उन्हें हमारे वोट चाहिए तो उन्हें हमारे हक के लिए बोलना पडे़गा। वर्ना हम बंद का आह्वान जारी रखेंगे।”

    वतल ने बीजेपी के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिनमे उन्हें कांग्रेस का एजेंट बताया गया था। राज्य गृह मंत्री आर.रामालिंगा रेड्डी ने भी यह मानने से इंकार कर दिया कि बंद कांग्रेस संचालित है। रेड्डी ने बताया कि,” हम कन्नड संगठनों से बंद के आह्वान को वापस लेने की विनती कर रहे है। पीएम की यात्रा के दौरान यह शोभा नही देता। पर यह स्वतन्त्र संस्थान है और कांग्रेस पार्टी के कहने पर नही चलती।”

    रेड्डी ने दावा किया है कि पीएम की यात्रा के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है। रेड्डी ने आगे कहा कि, “बीजेपी ने मिटिंग में 10 लाख कार्यकर्ताओं के होने का अनुमान जताया है। अगर इतनी संख्या में भी लोग आते हैः तो हम सुरक्षा उपलब्ध कराने में सक्षम है।”

    मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने बीजेपी के आरोपों का जबाव बहुत ही कड़े स्वरों मे देते हुए कहा कि, “मैं इतना गिरा हुआ व्यक्ति नही हूं कि पीएम की यात्रा का विरोध करने के लिए बंद का समर्थन करूं।”