Sat. Nov 23rd, 2024
    आंध्र प्रदेश

    लोकसभा में आम बजट-2018 पेश करने के बाद मोदी सरकार की मुश्किलें काफी बढ़ चुकी है। कई राज्यों ने आरोप लगाए है कि इस बजट में उनके क्षेत्र की उपेक्षा की गई है। विपक्षी दलों के अलावा अब तो एनडीए के सहयोगी भी मोदी सरकार के इस बजट से नाखुश नजर आ रहे है।

    बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बाद अब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री व तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू ने बजट की आलोचना की है। नायडू ने कहा कि आम बजट में आंध्र प्रदेश की उपेक्षा की गई है। बजट में आंध्र प्रदेश के लिए अपेक्षित फंड नहीं मिलने के बाद अपनी सहयोगी पार्टी बीजेपी को आडे हाथों लिया है।

    मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती में एक कैबिनेट की बैठक में इस संबंध में अपनी निराशा व्यक्त की है। केन्द्र व राज्य में टीडीपी पार्टी बीजेपी की सहयोगी है। नायडू ने कहा कि मैं बीजेपी के साथ गठबंधन धर्म से जुड़ा हुआ हूं और चुप रहना चाहता हूं। मैं अपने सहयोगियों को भाजपा के खिलाफ बोलने से रोक रहा हूं। लेकिन अगर वे हमारे लिए कुछ नहीं करना चाहते है तो मैं उन्हें नमस्ते कहकर जाने के लिए कहूंगा। नायडू ने कहा है कि बीजेपी ने बजट में आंध्र प्रदेश राज्य को कुछ भी नहीं देकर जनता के साथ धोखा किया है।

    बीजेपी के साथ गठबंधन पर होगी समीक्षा 

    जानकारी के अनुसार इस रविवार का अगले सप्ताह मुख्यमंत्री नायडू की अध्यक्षता में टीडीपी की बैठक होगी। जिसमें बीजेपी के साथ गठबंधन में रहने या तोडने पर समीक्षा की जाएगी। सियासी गलियारों मे कहा जा रहा है कि टीडीपी के कई सांसद व विधायक बीजेपी के साथ गठबंधन तोड़ने को तैयार है।

    टीडीपी-बीजेपी गठबंधन ने 2014 के चुनावों में साथ चुनाव लडा था लेकिन विभाजन के बाद से ही केन्द्र सरकार की तरफ से आंध्र प्रदेश राज्य की उपेक्षा की गई। केन्द्र की तरफ से आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के निर्माण के लिए भी पर्याप्त धन नहीं दिया जा रहा है। राज्य को भारी राजस्व घाटे का नुकसान उठाना पड रहा है।

    वाईएसआर कांग्रेस पार्टी भी लगा रही आरोप

    विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के जगन मोहन रेड्डी भी नायडू प्रशासन पर सभी मोर्चों पर असफल रहने का आरोप लगा रहे है। टीडीपी के सहयोगी फिल्म स्टार पवन के कल्याण भी संकेत दे चुके है कि वो अगले साल का चुनाव कुछ सीटों पर अलग से ही लडेंगे।

    मौजूदा हालातों में आंध्र प्रदेश सरकार व बीजेपी के बीच लंबे समय तक गठबंधन में रहना काफी मुश्किल माना जा रहा है। राज्य में बीजेपी द्वारा भी टीडीपी के खिलाफ बयानबाजी की जाती है।

    ऐसे मे हो सकता है कि आगामी बैठक में टीडीपी व बीजेपी गठबंधन टूट सकता है। इससे पहले शिवसेना भी बीजेपी के साथ गठबंधन करने से इंकार कर चुकी है।