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    बिहार सरकार अब गांवों में छिपी सांस्कृतिक प्रतिभाओं को निखारने पर जोर देगी। राज्य का कला संस्कृति विभाग अब सभी जिलों में कला मंच बनाएगा, जहां कलाकारों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें मंच भी उपलब्ध कराया जाएगा। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि विभाग ने राज्यभर में छिपे कलाकारों को उनके जिलों में ही मंच उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। राज्य के सभी कलाकारों को जानने के लिए इनका डाटा भी तैयार किया जा रहा है।

    विभाग का मानना है कि मंच नहीं मिलने के कारण कई कलाकारों की प्रतिभा सुदूरवर्ती क्षेत्रों में ही मर जाती है। ऐसे में सरकार सभी जिलों में कला मंच बनाने की योजना बनाई है, जहां छोटे और बड़े सभी तरह के कलाकारों को जोड़ा जाएगा।

    कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया, “विभाग एक सॉफ्टवेयर तैयार करा रहा है, जिसमें राज्य के सभी छोटे बड़े कलाकारों का ब्यौरा होगा। इसके लिए कलाकारों से ऑनलाइन ब्यौरा मांगा जाएगा।”

    विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “विभाग रंगमंच के माध्यम से नए कलाकारों को प्रशिक्षण देगा, जिससे गांव के वैसे बच्चे भी कला क्षेत्र में आगे बढ़ सकेंगे, जो इस क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं।”

    उन्होंने कहा कि ऐसे कलाकारों के लिए संविदा के आधार पर प्रशिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। ऐसे केंद्रों में 20 बच्चों को रखा जाएगा। प्रशिक्षण के बाद बच्चों को विभाग के माध्यम से होने वाले कार्यक्रमों में मंच उपलब्ध कराया जाएगा।

    अधिकारी ने कहा, “जिला में जिन कलाकारों का प्रदर्शन बेहतर रहा और जिन्हें स्थानीय प्रशासन तथा कला प्रशंसकों की वाहवाही मिलेगी, उन्हें राज्यस्तरीय आयोजनों में अवसर दिया जाएगा।”

    विभाग का कहना है कि बिहार में कला प्रतिभाओं की भरमार है, परंतु सबको अवसर मिले, इसके लिए और मौके सृजित करने होंगे।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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