प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और रहब फाउंडेशन इंडिया (आरएफआई) के दो सदस्यों से पूछताछ की। इन संगठनों पर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे प्रदर्शनों के लिए 120 करोड़ रुपये की कथित फंडिंग का आरोप है।
ईडी अधिकारियों के अनुसार, पीएफआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद परवेज अहमद और आरएफआई के शाहिद अबू बक्र दक्षिणी दिल्ली के खान मार्केट क्षेत्र में वित्तीय जांच एजेंसी के मुख्यालय में पूछताछ के लिए उपस्थित हुए।
ईडी ने सोमवार को दिल्ली के शाहीन बाग और जामिया इलाके में स्थित पीएफआई और आरएफआई कार्यालयों को नोटिस जारी किया था।
ईडी के अधिकारी ने कहा कि उनसे इन संगठनों के बैंक खातों में नकद लेनदेन से संबंधित जानकारी ली जाएगी। इसके अलावा उनसे एनईजीटी या आईएमपीएस के माध्यम से प्राप्त धन के बारे में भी पूछताछ की जाएगी।
अधिकारी ने कहा कि एजेंसी उनसे यह भी सवाल करेगी कि पिछले एक महीने में 120 करोड़ रुपये की राशि संगठनों की सहयोगी शाखाओं को कब और क्यों हस्तांतरित की गई, खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों जैसे बिजनौर, हापुड़ में आदि में।
ईडी ने गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट में सूचित किया है कि पीएफआई और आरएफआई ने अपने 73 बैंक खातों के माध्यम से देश भर में सीएए और एनआरसी के विरोध का समर्थन करने के लिए 120 करोड़ रुपये की धनराशि हस्तांतरित की है।
पीएफआई और कई अन्य वरिष्ठ वकीलों ने ईडी के आरोप को खारिज कर दिया है।