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    राष्ट्रीय राजधानी में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों ने 30 जनवरी के लिए एक बड़ी योजना बनाई है। नाथूराम गोडसे ने इसी दिन गोली मारकर महात्मा गांधी की हत्या की थी। गांधी की पुण्यतिथि पर राष्ट्र भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी सत्याग्रह मानव श्रंखला बनाने के लिए यहां स्थित राजघाट पर जुटेंगे।

    इस संबंध में एक पोस्टर और एक निमंत्रण-पत्र पर ‘यंग इंडिया अगेंस्ट सीएए-एनआरसी-एनपीआर’ के सदस्यों ने अभियान के बाबत लिखा, “फाइट अगेंस्ट द गोडसे ऑफ पास्ट, प्रजेंट एंड फ्यूचर। (अतीत, वर्तमान और भविष्य के गोडसे के खिलाफ लड़ाई।)”

    विरोध प्रदर्शन को देश भर से 60 से अधिक छात्रों के संघ द्वारा एक संयुक्त पहल के तहत बुलाया गया है। इसके सदस्यों के बीच एम्स, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरू विश्विद्यालय (जेएनयू) जैसे विश्वविद्यालयों के छात्रों के संघ शामिल हैं।

    जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष एन. साईं बालाजी ने विरोध का महत्व बताते हुए आईएएनएस से कहा, “हम 30 जनवरी को युवा भारत के हिस्से के रूप में यह सुनिश्चित करेंगे कि देश में लोकतंत्र बरकरार रहे और सीएए और एनआरसी जैसे कृत्य लागू न हों।”

    जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी के एक सदस्य सफूरा ने आईएएनएस से कहा, “यह देश में समानता के अधिकार को उजागर और सुरक्षित करेगा। सरकार ऐसा दिखाने का प्रयास करती है कि वह महात्मा गांधी के मूल्यों का अनुसरण करती है, लेकिन वास्तव में वह गोडसे के आदर्शो पर चलती है। हमारा लक्ष्य है कि हम उन्हें यह बताएं कि सही मायने में हम गांधी के मूल्यों पर चलते हैं। जामिया के संस्थापक गांधी थे। हम उनसे गांधी वापस लेंगे।”

    असली सत्याग्रही महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी (जेसीसी) ने सीएए के खिलाफ जामिया से राजघाट तक एक लंबे मार्च का आह्वान किया है।

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