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    जौहर ट्रस्ट द्वारा संचालित मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय में 104 बीघा जमीन जब्त करने के बाद रामपुर प्रशासन ने इस ‘कब्जे वाली जमीन’ को ‘उसके आधिकारिक मालिकों’ को वापस देने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है। जिला प्रशासन ने बुधवार को इस जमीन को जब्त किया था।

    आलियागंज गांव के किसान, जिन्होंने सांसद और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के खिलाफ जमीन हड़पने से संबंधित 26 एफआईआर दर्ज कराई थीं, उन्हें अपनी जमीन वापस मिलेगी। इसी क्रम में छह किसानों को शुक्रवार को उनकी जमीन वापस दी जाएगी।

    रामपुर के डीएम आंजनेय कुमार ने कहा कि जौहर विश्वविद्यालय परिसर में 17 किसानों की हथियाई गई जमीन शामिल है, जिसे मौके पर ही 20 किसानों को उनके नाम और भूमि संख्या राजस्व रिकॉर्ड में पाए जाने के बाद दिया गया था।

    प्रयागराज स्थित राजस्व बोर्ड कोर्ट के निर्देश पर प्रशासन द्वारा अपने अधिकार में ली गई 104 बीघा जमीन में यह भूमि शामिल नहीं है।

    वहीं जौहर विश्वविद्यालय के कुलपति सुल्तान मोहम्मद खान ने रामपुर के अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई की निंदा की और कहा कि उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है जिसके अनुसार बिना विश्वविद्यालयों के अधिकारियों की अनुमति के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी विश्वविद्यालय के परिसर में प्रवेश नहीं कर सकते।

    आजम खान ने कथित तौर पर विश्वविद्यालय के लिए 17 बीघा जमीन पर कब्जा किया था। इस मामले में खान के खिलाफ 26 एफआईआर दर्ज हुई थी। किसानों का आरोप था कि आजम खान ने फरार चल रहे पूर्व सर्कल ऑफिसर अलय हसन खान की मदद से उनकी जमीन हड़प ली थी।

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