भारत ने पाकिस्तान से संबंधों को बहाल करने के लिए ‘जहर उगलने व झूठे बयान देने’ के बजाय कूटनीतिक माध्यम अपनाने का आह्वान किया है।
भारत के उप स्थाई प्रतिनिधि नागराज नायडू ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान को कूटनीति के जरिए कार्य करना चाहिए और ‘सामान्य संबंध बहाल करने के लिए कदम’ उठाना चाहिए।
वह संयुक्त राष्ट्र पर महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की रिपोर्ट पर महासभा की बहस के दौरान पाकिस्तान के मिशन के काउंसलर साद अहमद वराइच के भारत पर हमले का जवाब दे रहे थे।
नायडू ने कहा, “पाकिस्तान को विचार करने की जरूरत है कि इसकी झूठी बयानबाजी को कोई स्वीकारने वाला नहीं है और इसलिए संबंध सामान्य करने के लि उसे कूटनीति का इस्तेमाल करना चाहिए।
उन्होंने कहा, “आक्रमकता और कड़वे आरोपों को समाप्त करने और सामान्य संबंध बहाल करने के लिए कदम उठाने के बजाय, प्रतिनिधिमंडल अनौपचारिक बातचीत में लगा है और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को सच्चाई से दूर कर रहा है।”
वाराइच के इस आरोप कि भारत ‘मुस्लिमों सहित अल्पसंख्यकों को हाशिए पर रखने के लिए’ कदम उठा रहा है, पर पलटवार करते हुए नायडू ने कहा,”यह बेहद आश्चर्यजनक है कि एक ऐसा देश जिसने पूरी तरह से अल्पसंख्यक आबादी को तबाह कर दिया है वह अल्पसंख्यकों के रक्षा की बात कर रहा है।”
हडसन इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की गैर-मुस्लिम आबादी 1947 के 23 फीसदी से गिरकर 3 फीसदी हो गई है।
नायडू ने कहा, “यह प्रतिनिधिमंडल हर बार जहर उगलता है व झूठे बयान देता है।”
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान अपनी कार्य प्रणाली से ध्यान हटाने के लिए हर बार झूठे बहाने बनाने अपनाता है।”
पाकिस्तान को सामान्य संबंधों को बहाल करने के लिए कदम उठाना होगा। इसके लिए उसे सीमा-पार आतंकवाद व आतंकवादियों को समर्थन खत्म करने की भारत के पूर्व की शर्त को पूरा करना होगा।