हाल ही में समाप्त हुई भारतीय-दक्षिण अफ्रीकी टेस्ट सिरीज़ के नतीजे से काफ़ी लोगों को निराशा होती और उस से भी कहीं ज़्यादा लोगों को मौका मिला, भारतीय टीम एवं भारतीय कप्तान की बुराई करने का। भला हो भारतीय गेंदबाजों का, जिन्होंने अपनी काबिलियत के दम पर जोहान्सबर्ग में हुए अंतिम टेस्ट को जितवा कर अपनी तरफ आ रही आलोचना का मुंह मोड़ दिया था, मगर सीरिज के दौरान कप्तान विराट कोहली की क्षमताओं पर जो सवाल कईं दिग्गजों द्वारा उठाये गए थे, वो अब अपना फन फैलाए जवाब की मांग कर रहें हैं।
विराट कोहली बेशक़ छोटे प्रारूप के क्रिकेट में चेस करने में माहिर हों और सचिन तेंदुलकर के सबसे काबिल विकल्प हों, मगर वह क्या वजह है कि वे अभी भी टेस्ट के मामले में पीछे हैं? इस सवाल का जवाब देने के लिये देश और विदेश के कईं दिग्गज आगे आए हैं। रॉयल चैलेंजर्स बंगलोर के पूर्व कोच रे जेंनिंग्स का मानना है कि, विराट कोहली के घरेलू और बाह्मय प्रदर्शन में काफी फ़र्क़ आ जाता है क्योंकि वहां उनको अपने टीम के साथ की बहुत ज़रूरत होती है। वहीं दूसरी तरफ इंग्लैंड के पूर्व कप्तान डेविड कवर ने कोहली और ब्रायन लारा के बीच हो रही तुलना को गलत बताते हुए कहा कि, “कोहली और लारा दो अलग स्तर के खिलाड़ी हैं, कोहली को लारा की बराबरी करने के लिए किसी टेस्ट मैच को अपने दम पर जितवाना होगा।”
एक तरफ जहां टेस्ट सिरीज़ के दौरान विराट कोहली की कप्तानी क्षमताओं पर प्रश्नों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा था, वहीं दूसरी तरफ बतौर बल्लेबाज़ उन्होंने अपने आप को बाकी की टीम से बेहतर साबित करते हुए इस सिरीज़ में भारत की तरफ से सर्वाधिक रन बनाए। विराट कोहली को निःसंदेह अभी और वक़्त लगेगा यह समझने में कि विषम परिस्थितियों में अपनी टीम को बांध कर कैसे रखा जाए, और उम्मीद है कि भारतीय गेंदबाज़ उनका इस में पूरा साथ देंगे।