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    गुरुवार दिन में पत्रकारों के मेलबॉक्स में बीसीसीआई का खिलाड़ियों के केंद्रीय अनुबंध का मेल आया। इसमें एक बड़ा नाम नहीं था और वो नाम था दो बार के विश्व विजेता कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का। हैरत लाजमी थी और सवाल भी। इसके बाद यह सवाल सबके मन में कौंधने लगा कि क्या धोनी युग की समाप्ति की नींव रख दी गई है?

    बीसीसीआई चार श्रेणियों में अपने खिलाड़ियों को अनुबंध देती है और वो श्रेणियां होती हैं ए प्लस, ए, बी और सी। खिलाड़ी किस-किस प्रारूप की टीम में खेलते हैं उसके हिसाब से इन कैटेगरी में खिलाड़ियों को जगह मिलती है।

    पिछली बार धोनी को कैटेगरी-ए में रखा गया था लेकिन इस बार उनको बाहर कर दिया है। इस नजरअंदाजी ने उन सवालों को और सुलगा दिया है जिसमें धोनी के संन्यास की बातें कही जा रही हैं।

    धोनी बीते साल इंग्लैंड में खेले गए वनडे विश्व कप के बाद से टीम में नहीं है। उन्होंने आखिरी बार विश्व कप के सेमीफाइनल में भारतीय टीम की जर्सी पहनी थी लेकिन इसके बाद से वह आराम के नाम से बाहर हैं।

    ऐसी अटकलें थी कि धोनी 2019 विश्व कप के बाद संन्यास ले लेंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं। इस बीच मीडिया में खबरें भी आई थी कि धोनी तो संन्यास लेना चाहते हैं लेकिन टीम प्रबंधन ने उन्हें रोक लिया है और इस बात के पीछे टीम प्रबंधन का तर्क है कि युवा विकेटकीपर ऋषभ पंत ही धोनी के इकलौते विकल्प के रूप में सामने आ रहे हैें लेकिन वह अभी तक भोरसे लायक खिलाड़ी नहीं बने हैं इसलिए आस्ट्रेलिया में खेले जाने वाले टी-20 विश्व कप को देखते हुए धोनी को रोके रखा है।

    लेकिन धोनी की टीम में वापसी नहीं हुई और उनके संन्यास की खबरों ने भी बैकसीट नहीं ली। इस बीच धोनी ने भी एक समारोह में वापसी के सवाल पर कहा था, “जनवरी तक मत पूछो।”

    जनवरी भी आ गई लेकिन धोनी श्रीलंका सीरीज, आस्ट्रेलिया सीरीज और न्यूजीलैंड सीरीज के लिए घोषित टी-20 सीरीज में नहीं लौटे।

    भारत और बांग्लादेश के बीच खेले गए पहले डे-नाइट टेस्ट के बाद टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री ने आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में धोनी की टीम में वापसी को लेकर कहा था कि, “यह निर्भर करता है कि वह कब खेलना शुरू करते हैं और आईपीएल में कैसा खेलते हैं। वहीं दूसरे खिलाड़ी विकेटकीपिंग में क्या कर रहे हैं और धोनी के मुकाबले उनकी फॉर्म क्या है। आईपीएल बड़ा टूर्नामेंट होगा क्योंकि आपके लगभग 15 खिलाड़ी तय हो चुके होंगे।”

    उन्होंने कहा था, “मैं कह सकता हूं कि आईपीएल के बाद आपकी टीम लगभग तय हो जाएगी। साथ ही मैं यह कहना चाहता हूं कि कौन कहां है इस बारे में कयास लगाने के बजाए आईपीएल तक का इंतजार करें। इसके बाद ही आप फैसला करने की स्थिति में होंगे कि देश में सर्वश्रेष्ठ 17 कौन हैं।”

    इंग्लिश की एक कहावत, ‘रीड विटवीन द लाइंस’ को अगर लागू किया जाए तो शास्त्री अप्रत्यक्ष तरीके से कह गए थे कि धोनी टी-20 विश्व कप खेलेंगे और हो सकता है कि उसके बाद वह संन्यास की हवाओं आराम दे अलविदा कह दें।

    लेकिन इस बीच बीसीसीआई का धोनी को केंद्रिय अनुंबध में शामिल न करना कुछ और ही इशारा कर रहा है। देखा जाए तो यह साफ लग रहा है कि धोनी युग का अंत नजदीक है।

    यह कई मायनों में चयन समिति के पिछले बयानों को आगे बढ़ाने वाली बात भी लग रही है क्योंकि मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद कह चुके हैं कि चयन समिति धोनी से आगे सोच रही है और युवाओं को मौका देना चाहती है ताकि धोनी का विकल्प तैयार किया जाए। अब चयन समिति की बात सच होती है या टीम प्रबंधन की यह वक्त बताएगा लेकिन दोनों के बयानों में धोनी को लेकर समानता दिखती है। एक धोनी के साफ तौर पर मुकर चुकी है तो दूसरा अप्रत्यक्ष तरीके से ही सही, धोनी के साथ है।

    कुछ भी हो, अगर सभी बयानों और घटनाक्रम को मिलाकर या अलग-अलग करके भी देखा जाए तो यह तो तय ही लग रहा है कि भारत का सबसे सफल कप्तान 2020 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देगा। इंतजार तो औपचारिक घोषणा का है जिसके लिए शायद फिजा बनाई जा रही है।

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