नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर देश भर में हो रहे बवाल का असर संसद की स्थायी समिति की बैठक में भी देखा गया। सोमवार को हुई स्थायी समिति की बैठक में छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा का मामला उठाया गया। गृह मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति की बैठक में इस मामले पर सदस्यों ने पुलिस के आला अधिकारियों से सफाई मांगी। बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस के राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने की। बैठक में दिल्ली पुलिस आयुक्त से कई सवाल पूछे गए।
हालांकि, स्थायी समिति की बैठक का एजेंडा दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में बढ़ते अपराध पर चर्चा करना का था। लेकिन समिति में मौजूद कांग्रेस सदस्यों ने छात्र आंदोलन का मामला भी उठा दिया।
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा दिल्ली पुलिस आयुक्त, राजस्थान, हरियाणा के पुलिस महानिदेशक और उत्तर प्रदेश के एक महानिदेशक स्तर के अधिकारी मौजूद थे।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस के एक सांसद ने पुलिस अधिकारियों, खासकर दिल्ली पुलिस आयुक्त से छात्र आंदोलनों से निपटने के लिए बार-बार भारतीय दंड संहिता की धारा 144 लगाने का कारण जानना चाहा।
सदस्य ने कहा कि धारा 144 लगाने के बाद पुलिस को छात्रों के खिलाफ डंडा चलाने का मौका मिल जाता है, जो ठीक नहीं है। कांग्रेस सांसद ने अधिकारियों को नसीहत दी है कि छात्र आंदोलनों से निपटने के लिए कोई और तरीका तलाशा जाना चाहिए। इस बैठक में भाजपा के सांसद भी मौजूद थे। लेकिन किसी ने भी किसी सदस्य के प्रश्न को न तो बीच में काटा और न प्रतिवाद किया।
सदस्यों ने दिल्ली पुलिस के जवानों द्वारा ही पुलिस मुख्यालय का घेराव करने की घटना को गंभीर करार दिया। सदस्यों ने बैठक में मौजूद दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक से इस बारे में सवाल किया।
सदस्यों का कहना था कि देश की राजधानी में ही पुलिस के जवानों के इस बरताव से देशभर में गलत संदेश गया है। सदस्यों ने पटनायक से पूछा कि आखिर ऐसे हालात कैसे बन गए?
बैठक में एनसीआर राज्यों के पुलिस अधिकारियों और दिल्ली पुलिस आयुक्त ने अपने-अपने क्षेत्रों का अपराध का आंकड़ा पेश किया। जिस पर सदस्यों ने गंभीर टिप्पणी की। माना जा रहा था कि बैठक में जेएनयू हिंसा पर पुलिस की जांच पर चर्चा होगी, लेकिन ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई।
गौरतलब है कि संसद की स्थायी समिति की इस कमेटी में 31 सदस्य हैं, जिनमें 21 लोकसभा और 10 राज्यसभा के सदस्य हैं। बैठक में अधीर रंजन चौधरी, दिलीप घोष, राकेश सिन्हा, जमयांग नामग्याल मौजूद रहे।
पिछली बैठक पांच जनवरी को हुई थी, जिसमें जम्मू एवं कश्मीर पर चर्चा हुई थी।