बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने संगठन में एक बार बदलाव किया है। समझा जाता है कि वोट बैंक की गणित सेट करने के लिए बसपा मुखिया मायावती ने अब एक बार फिर ब्राम्हण कार्ड चला है। बसपा प्रमुख मायावती ने लोकसभा में पार्टी के नेता दानिश अली को हटाकर सांसद रितेश पांडेय को यह जिम्मेदारी सौंप दी है। वहीं मलूक नागर को उपनेता बनाया गया है। इस फेरबदल में प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली की कुर्सी हालांकि सलामत है।
मायावती ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में लालजी वर्मा (पिछड़े वर्ग से) को और विधान परिषद में दिनेश चंद्रा (दलित वर्ग से) को पार्टी नेता के पद पर बरकरार रखा है।
सूत्रों के अुनसार, ब्राह्मण समाज में भाजपा के प्रति मोह कम होने पर बसपा नजर बनाए हुए है। कांग्रेस की ओर ब्राह्मणों का रुझान न हो, इसलिए बसपा ने बड़ा बदलाव किया है। बसपा में दलित ब्राह्मण समीकरण को आजमाया जाता रहा है। रामवीर उपाध्याय के बगावती तेवरों के बाद से प्रदेश में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर युवा सांसद रितेश पांडेय को आगे करना एक प्रयोग के तौर पर देखा जा रहा है। ज्ञात हो कि दानिश अली को करीब दो माह पूर्व ही दल नेता की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।