भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एम.एम. नरवने ने शनिवार को कहा कि उत्तरी और पश्चिमी दोनों ही सीमाएं भारत के लिए महत्तवपूर्ण हैं और इसी अनुसार सीमाओं पर बलों और हथियारों की तैनाती फिर से संतुलित की जा रही है। जनरल नरवने ने कहा कि चीन के साथ सीमा मुद्दे पर, भारत ने कई दौर की वार्ता की है और उनकी प्राथमिकताएं सीमा पर शांति बनाए रखना है। उन्होंने कहा, “हम इस तथ्य से अवगत हैं कि दोनों तरफ से ही खतरे बने हुए हैं।”
हाल ही में अपनी सियाचिन की यात्रा पर सेना प्रमुख ने कहा, “जहां तक स्थलीय सीमाओं का संबंध है, यह (सियाचिन) वह जगह है, जहां दोनों देश (चीन और पाकिस्तान) सबसे नजदीक हैं।”
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) पर नरवने ने कहा, “यदि संसद चाहता है कि उसे इलाके को लिया जाना चाहिए तो हम यह जरूर करेंगे और उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।”
चीन के साथ लगी सीमा के बारे में उन्होंने कहा, “हमें अपनी आवश्यकता को संतुलित करना होगा। पूर्वी तरफ हम उन्नत हथियारों की तैनाती कर उत्तरी सीमा पर क्षमता निर्माण, सड़कों, आवासों, हथियारों के लिए भंडारण का कार्य कर रहे हैं।”
सेना प्रमुख ने वार्षिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संसद की प्रस्तावना है कि पूरा जम्मू एवं कश्मीर भारत का हिस्सा है।
यह पूछे जाने पर कि क्या पीओके को लेना है और सरकार ने आगे संकेत दिया है? उन्होंने कुछ नहीं कहा, लेकिन जोर दिया कि जब भी सरकार निर्देश देगी, तब यह किया जाएगा।
जनरल नरवने ने कहा, “यदि ऐसा कहा गया, तो ऐसा ही होगा।”