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    पाकिस्तान में सेना के तीनों अंगों के सैन्य प्रमुखों व ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन की सेवा अवधि में विस्तार से संबंधित आर्मी एक्ट संशोधन विधेयकों को राष्ट्रपति ने भी मंजूरी दे दी है। इन विधेयकों ने अब कानून का रूप ले लिया है। अब इससे जुड़ी जानकारी देश के सुप्रीम कोर्ट को दी जाएगी जिसके निर्देश पर यह कानून बनाना पड़ा है।

    इसके साथ ही वर्तमान सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के सेवा विस्तार का रास्ता भी साफ हो गया है। जनरल बाजवा को इमरान सरकार ने तीन साल का सेवा विस्तार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को झटका देते हुए इस विस्तार की अवधि को घटाकर छह महीने कर दिया और आदेश दिया कि इन छह महीनों में संसद सैन्य प्रमुख के सेवा विस्तार व और इससे संबद्ध अन्य मुद्दों पर कानून बनाए। छह महीने बाद इसी कानून के अनुसार सरकार को कदम उठाना होगा।

    आर्मी एक्ट में संशोधन करने वाले इन विधेयकों को निचले सदन नेशनल असेंबली और ऊपरी सदन सीनेट में आसानी से मंजूरी मिल गई थी। सीनेट में विपक्षी दलों के सीनेटरों की अधिक संख्या के कारण पाकिस्तान सेना (संशोधन विधेयक) 2020, पाकिस्तान वायुसेना (संशोधन विधेयक) 2020 और पाकिस्तान नौसेना (संशोधन विधेयक) 2020 को लेकर संशय बना था। लेकिन, सरकार और मुख्य विपक्षी दलों पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) व पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बीच सहमति बन गई थी और सीनेट ने इन्हें ध्वनिमत से पास कर दिया था।

    नया कानून प्रधानमंत्री को सैन्य प्रमुख के सेवा विस्तार और इससे जुड़े अन्य फैसले लेने का अधिकार देगा। प्रधानमंत्री के फैसले को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकेगी। सैन्य प्रमुख की आयु अधिकतम 60 वर्ष होगी लेकिन उन्हें चार साल का सेवा विस्तार दिया जा सकेगा जिसके बाद सैन्य प्रमुख 64 वर्ष तक सेवा दे सकेंगे।

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