देश की सियासत में बीते चार दशक से मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र और कांग्रेस नेता कमल नाथ को एक-दूसरे के पूरक के तौर पर पहचाना जाता है। कमल नाथ सांसद से मुख्यमंत्री बन गए हैं, इस लिहाज से अब कमल नाथ पर प्रदेश की जवाबदारी है, इसके चलते उन्होंने संसदीय क्षेत्र की जिम्मेदारी बेटे और अब छिंदवाड़ा के सांसद नकुल नाथ को सौंप दी है। नकुल नाथ भी ठीक उसी राह पर चल रहे हैं, जिस पर चलकर कमल नाथ ने सफलता की मंजिल हासिल की।
कमल नाथ और छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र का रिश्ता बीते चार दशक का है, वे यहां से नौ बार सांसद चुने गए, एक बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। उसके अलावा हाल ही में विधानसभा का चुनाव लड़े, जिसमें जीत मिली और वर्तमान में राज्य के मुख्यमंत्री है। कमल नाथ को इस संसदीय क्षेत्र की जिम्मेदारी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने सौंपी थी तो अब कमल नाथ ने क्षेत्र को नया स्वरूप देने का जिम्मा बेटे नकुल नाथ को दिया है।
विभिन्न कंपनियों के संचालक मंडल के निदेशक और 21 जून 1974 को जन्मे नकुल नाथ की स्कूली शिक्षा देहरादून के दून स्कूल में हुई। कमल नाथ भी इसी स्कूल में पढ़े थे। नकुलनाथ ने बोस्टर्न यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री हासिल की है। बीते 20 सालों से वे छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में सक्रिय हैं। वे स्थानीय लोगों के बीच रहते हैं और चुनाव के समय भी सक्रिय भूमिका निभाते हैं। उन्होंने पहला चुनाव मई 2019 में लड़ा और उसमें जीत भी दर्ज की।
स्थानीय लोग बताते हैं कि नकुल नाथ बीते दो दशकों से क्षेत्र के लोगों के बीच सक्रिय हैं, कमल नाथ की गैरहाजिरी में क्षेत्र की समस्याओं के निपटारे का जिम्मा उनके पास होता है। हर वर्ग के लोगों से नकुल नाथ संपर्क में रहते हैं और हर व्यक्ति की समस्याओं के समाधान का रास्ता भी खोजते नजर आते हैं।
क्षेत्र के लिए कमल नाथ ऐसे राजनेता रहे हैं जो हर समस्या का समाधान करते आ रहे हैं। बेटी की शादी में आर्थिक मदद का मसला हो, बीमारी में इलाज की व्यवस्था का सवाल हो या बेटे-बेटी को बेहतर शिक्षा दिलाने से लेकर रोजगार तक, सभी का समाधान अगर किसी के पास है तो वह कमल नाथ हैं। इसके अलावा विकास के मामले में भी उन्होंने छिंदवाड़ा को पिछड़े से विकसित इलाके में बदल दिया और राज्य की सियासत में छिंदवाड़ा मॉडल की चर्चा होने लगी। विधानसभा चुनाव भी कांग्रेस ने इसी मॉडल को आगे बढ़ाने की बात कहकर जीता था।
कमल नाथ की कार्यशैली को वर्षो से करीब से देख रहे नकुल नाथ ने भी उसी राह को पकड़ लिया है और उसी पर आगे बढ़ते नजर आ रहे हैं। लोगों से मेल-मुलाकात करना और क्षेत्रीय जरूरतों को पूरा करना उनका लक्ष्य होता है। इसी क्रम में अपने व्यक्तिगत प्रयासों से मेघा इंजीनियरिंग कंपनी हैदराबाद द्वारा छिंदवाड़ा के 39 युवाओं को योग्यता अनुसार विभिन्न पदों पर मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश और उड़ीसा में रोजगार दिया।
छिदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में अरसे से कांग्रेस की सियासत करने वाले पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सैयद जाफर का कहना है कि कमल नाथ ने बीते चार दशकों में छिंदवाड़ा का स्वरूप बदला है, उन्होंने कभी जाति और धर्म की राजनीति नहीं की, विकास पर उनका जोर रहा, छिंदवाड़ा को नई पहचान दिलाई है, यही कारण है कि भाजपा और संघ से जुड़े लोगों ने भी उनका साथ दिया। अब उसी विकास की रफ्तार को नकुल नाथ आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। वे समय गंवाए बिना विकास और नई योजनाओं को जमीन पर उतारने में लगे हैं।
स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कमल नाथ ने क्षेत्र की तस्वीर बदलने का काम किया है, जनता का दिल जीता है, यही बात नकुल नाथ के लिए चुनौती देती है। इसलिए नकुल नाथ के लिए राजनीति का सफर भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं है, क्योंकि उन्हें क्षेत्र की जनता के लिए दूसरा कमल नाथ साबित जो होना है।