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    भाजपा नेता विनय सहस्रबुद्धे और रमेश बिधूड़ी ने ‘दिल्ली सिटी ऑन वेंटिलेटर’ नाम से एक बुकलेट जारी किया है। बुकलेट में दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर केजरीवाल सरकार को कटघरे में खड़े करने की कोशिश की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली की स्वास्थ्य सेवा वेंटिलेटर पर है।

    इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पांच साल में केजरीवाल सरकार रोगियों के उपचार के लिए महज 394 नए बेड ही लगा सकी, जबकि वादा प्रति एक हजार जनसख्या पर 10 बेड लगाने का था। लोक नीति शोध केंद्र की इस बुकलेट में यह भी कहा गया है कि पिछले पांच साल में एक भी नया प्राथमिक चिकित्सा केंद्र नहीं बनाया गया, सिर्फ मोहल्ला क्लीनिक का ढिंढोरा पीटा जा रहा है, जिसका हाल बेहाल है।

    रिपोर्ट में दिल्ली सरकार के डेटा का इस्तेमाल करते हुए यह दिखाया गया है कि पिछले पांच साल में 91 डिस्पेंसरी और 25 जच्चा बच्चा केंद्र कम हुए हैं।

    रिपोर्ट में नीति आयोग की उस रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, जिसमें दिल्ली स्वास्थ्य सूचकांक में पांचवें पायदान पर आ गई है। रिपोर्ट में दवाइयों के खरीद में भ्रष्टाचार की बात भी कही गई है।

    यह रिपोर्ट श्यामा प्रसाद मुखर्जी न्यास की तरफ से लोक नीति शोध केंद्र, दिल्ली ने तैयार की है। रिपोर्ट को 131 आरटीआई और 44 हेल्थ फील्ड रिपोर्टिग के आधार पर तैयार किया गया है।

    इस मौके पर भाजपा सांसद और उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे ने सवाल किया कि केजरीवाल बताएं कि कितने हेल्थ सेंटर खोले गए हैं। सहस्रबुद्धे ने केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि कभी भी दिल्ली सरकार के बजट का पूरा उपयोग नहीं किया गया।

    दावा किया गया है कि दिल्ली में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ी है, लेकिन रेबीज वैक्सीन की व्यवस्था बहुत कम है। दिल्ली के बड़े अस्पतालों में बोर्ड लगा दिया गया है कि वैक्सीन नहीं है।

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