पाकिस्तान की संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने बुधवार को देश की सेना के तीनों अंगों के सैन्य प्रमुखों व ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन की सेवा अवधि में विस्तार से संबंधित विधेयकों को मंजूरी दे दी। आर्मी एक्ट में संशोधन करने वाले इन विधेयकों को निचले सदन नेशनल असेंबली ने मंगलवार को मंजूरी दे दी थी।
अब इन विधेयकों को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद विधेयक कानून में बदल जाएंगे। और, इसके साथ ही वर्तमान सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के सेवा विस्तार का रास्ता भी साफ हो जाएगा।
जनरल बाजवा को इमरान सरकार ने तीन साल का सेवा विस्तार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को झटका देते हुए इस विस्तार की अवधि को घटाकर छह महीने कर दिया और आदेश दिया कि इन छह महीनों में संसद सैन्य प्रमुख के सेवा विस्तार व और इससे संबद्ध अन्य मुद्दों पर कानून बनाए। छह महीने बाद इसी कानून के अनुसार सरकार को कदम उठाना होगा।
पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि सीनेट में विपक्षी दलों के सीनेटरों की अधिक संख्या के कारण पाकिस्तान सेना (संशोधन विधेयक) 2020, पाकिस्तान वायुसेना (संशोधन विधेयक) 2020 और पाकिस्तान नौसेना (संशोधन विधेयक) 2020 को लेकर संशय बना था। लेकिन, सरकार और मुख्य विपक्षी दलों पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) व पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बीच राष्ट्र की जरूरत के नाम पर सहमति बन गई और सीनेट ने इन्हें ध्वनिमत से पास कर दिया।
इन विधेयकों को मंगलवार को आनन-फानन में सीनेट में पेश किया गया था। महज बीस मिनट में इस पर चर्चा कर इसे सदन की रक्षा मामलों की स्थाई समिति के पास भेज दिया गया जहां भी इसे तुरंत मंजूरी मिल गई।
बुधवार को रक्षा मंत्री परवेज खटक ने सीनेट में इन विधेयकों को पेश किया। सीनेट चेयरमैन सादिक संजरानी ने संशोधनों के प्रत्येक हिस्से को पढ़ा और फिर सदन ने इन्हें ध्वनिमत से पारित कर दिया।
नया कानून प्रधानमंत्री को सैन्य प्रमुख के सेवा विस्तार और इससे जुड़े अन्य फैसले लेने का अधिकार देगा। प्रधानमंत्री के फैसले को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकेगी। सैन्य प्रमुख की आयु अधिकतम 60 वर्ष होगी लेकिन उन्हें चार साल का सेवा विस्तार दिया जा सकेगा जिसके बाद सैन्य प्रमुख 64 वर्ष तक सेवा दे सकेंगे।