दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के प्रोफेसर और तदर्थ (एडहॉक) शिक्षक विश्वविद्यालय कुलपति के कार्यालय के बाहर पिछले एक महीने से धरना दे रहे हैं और तदर्थ शिक्षकों के समावेश और पदोन्नति की मांग कर रहे हैं। विरोध के इन 35 दिनों के दौरान शिक्षकों ने दिल्ली की सर्द हवाओं और ठिठुरती सर्दी का सामना किया है। शिक्षकों ने मंगलवार को आई बारिश का भी बहादुरी के साथ सामना किया और प्रदर्शन के लिए डटे रहे।
शिक्षकों की अपनी मांगों का लेकर दृढ़ता मंगलवार रात को देखी गई, जब उन्होंने बारिश के बीच अपने विरोध को जारी रखने का फैसला किया।
कॉलेज स्टाफ एसोसिएशन द्वारा कुछ दिन पहले प्रदर्शन के लिए विशेष रूप लगाए गए हरे रंग के टेंट के नीचे शिक्षक प्रदर्शन को जारी रखे हुए हैं और अपनी मांगों को लेकर प्रबंधन पर दबाव बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं।
विरोध की तस्वीरें साझा करते हुए डीयू के प्रोफेसर राजेश झा ने कहा, “शिक्षक पिछले 35 दिनों से दिन-रात धरना दे रहे हैं और अपनी वैध मांगों के लिए लगभग शून्य डिग्री तापमान में सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे सो रहे हैं। मगर प्रशासन में से कोई भी सुनने को तैयार नहीं है।”
डीयू प्रोफेसरों और तदर्थ शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर चार दिसंबर को प्रदर्शन शुरू किया था। इसके एक दिन बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने दिल्ली विश्वविद्यालय के आंदोलनकारी प्रोफेसरों और शिक्षकों के साथ बातचीत की, मगर वह कोई भी हल निकालने में असफल रहे।