उत्तर प्रदेश के प्राथमिक विद्यालयों में मध्याह्न् भोजन (मिड डे मील) के लिए वहीं पर उगी सब्जियों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे बच्चे सेहतमंद बन सकें। स्कूलों में किचन गार्डन बनाया जाएगा, जिसकी देखभाल स्कूल के छात्र करेंगे। केंद्र सरकार की स्कूल न्यूट्रिशन गार्डेन योजना के तहत बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में ‘पोषण वाटिका’ या ‘किचन गार्डन’ बनाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए स्कूलों में जगह चिह्नित कर पोषण वाटिका उगाने के निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
स्कूल शिक्षा के महानिदेशक विजय किरण आनंद ने आईएएनएस को बताया कि इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 1.13 लाख प्राइमरी स्कूलों की जमीन चिह्नित करने की जिम्मेदारी प्रधानाचार्यो की होगी। जमीन की पैमाइश राजस्व विभाग या स्थानीय लेखपाल से कराई जाएगी।
उन्होंने बताया कि यह भारत सरकार की सबसे अहम योजना है और बजट मिलते ही स्कूलों में पैसा पहुंचा कर काम शुरू करवा दिया जाएगा। इस पूरी योजना के नोडल अधिकारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और विकास खंड में खंड शिक्षा अधिकारी होंगे।
महानिदेशक ने बताया कि जिन क्षेत्रों में जगह की कमी है, वहां स्कूलों में गमलों, मटकों, बोरों और जूट के थैलों में पौधे उगाए जाएंगे। प्रधानाध्यापक को ऐसी खुली जगह चयनित करनी चाहिए और जहां सूरज की रोशनी आती हो, जिससे पौधे फल-फूल सकें।
विद्यालयों में भिंडी, पालक, लौकी, करेला, खीरा, कद्दू, तरबूज, खरबूजा, बैगन, शलजम, गाजर, मूली, टमाटर, मटर, मिर्च, पत्ता गोभी, फूल गोभी, पालक, सरसों, मेथी, सोया, धनिया, शिमला मिर्च, ब्याज, लहसुन, चुकंदर, शलजम, गाजर, मूली, चौलाई, भिंडी, बैगन, सेम, अरबी, खरीफ प्याज, तुरई आदि सब्जियां उगाई जाएंगी।
उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए हर स्कूल को पांच हजार रुपये मिलेंगे। इस फैसले से बच्चों को मिलने वाले दोपहर के भोजन की गुणवत्ता भी सुधरेगी और इसके साथ ही बच्चों में पौधरोपण के प्रति ललक भी बढ़ेगी।
अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने कहा कि इस योजना की पूरी तैयारी की जा चुकी है। बजट जारी होने के बाद काम तेजी से शुरू कर दिया जाएगा। धनराशि सिर्फ पौधे खरीदने व अन्य छिटपुट खर्च के लिए होगी। जबकि जिले के नोडल अधिकारी बीएसए द्वारा अन्य विभाग जैसे कृषि, सहकारिता, नरेगा, परती भूमि व अन्य के सहयोग से इन सभी विभागों से सहयोग लेते हुए साल भर सब्जियां उगाई जाएंगी।