इराक में स्थित अमेरिका के ऐन अल-असद एयरबेस पर बुधवार को ईरान द्वारा किए गए मिसाइल हमले में कोई 80 अमेरिकी जवानों की मौत हो गई और लगभग 200 अन्य घायल हो गए हैं। आईआरजीसी सूत्रों का कहना है कि ईरान के शीर्ष मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के प्रतिशोध में ये मिसाइलें दागी गई हैं।
तेहरान स्थित निजी तस्नीम न्यूज एजेंसी से सूत्र ने कहा कि इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) द्वारा दागी गई बैलिस्टिक मिसाइलों ने कम से कम 80 कथित ‘अमेरिकी आतंकी बलों’ को मार गिराया।
सूत्र ने चेतावनी देते हुए कहा, “क्षेत्र में अमेरिकियों और उनके सहयोगियों के कम से कम 104 ठिकानों की पहचान की गई है और अगर अमेरिकियों ने फिर से कोई गलती की तो उन्हें टारगेट किया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि हमले में कई अमेरिकी ड्रोन, हेलीकॉप्टर और बड़ी संख्या में सैन्य उपकरण गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं।
सूत्र ने कहा कि 15 मिसाइलें ऐन अल-असद एयरबेस पर दागी गईं, जिनमें से कोई भी अमेरिकी सेना के रडार सिस्टम में नहीं था।
अमेरिका की ओर से हालांकि अभी तक हताहतों की संख्या पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है।
एफएआरएस न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार अलसुबह आईआरजीसी एयरोस्पेस फोर्स ने सीरिया के साथ लगी सीमा के पास अमेरिकी ऐन अल-असद एयरबेस पर भारी बैलिस्टिक मिसाइल से हमला बोल दिया। यह हमला तीन जनवरी को बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमले के बदले के तौर पर किया गया, जिसमें सुलेमानी सहित अन्य कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी।
ऐन अल-असद में समुद्र तल से 188 मीटर की ऊंचाई पर चार कि. मी. का रनवे है, जो इराक में अमेरिका का प्रमुख और सबसे बड़ा एयरबेस है।
इस घटनाक्रम के बाद अब अर्बिल एयरपोर्ट पर सभी उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।
इराक ने कहा कि इन हमलों से उसकी सेना के जवानों में से कोई हताहत नहीं हुआ है।
हमले के बाद अमेरिकी सेना ने इराकी सेना सहित सभी पर ऐन अल-असद में प्रवेश पर रोक लगा दी है।