Tue. Oct 1st, 2024

    विश्व हिंदू परिषद ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में जन जागरण अभियान चलाने का निर्णय लिया है और वह इस अभियान के जरिए कानून की वास्तविकता से आमजन को अवगत कराएगी। विहिप के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बुधवार को कहा, “केंद्र सरकार के सीएए में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर आए धार्मिक अल्पसंख्यकों जिनमें हिंदू, ईसाई, जैन, सिख, पारसी आदि शामिल हैं, को नागरिकता के साथ सुरक्षा देने का प्रावधान है। मगर विरोधी दल राजनीतिक तुष्टिकरण के लिए इसका विरोध कर रहे हैं। विहिप इस कानून की वास्तविकता से आमजन को अवगत कराने के लिए जनजागरण अभियान चलाएगा।”

    परांडे ने कहा, “पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान इस्लामिक देश हैं। वहां मुस्लिम अल्पसंख्यक नहीं हैं। वे धार्मिक रूप से प्रताड़ित भी नहीं हैं। सीएए का संबंध भारत में आए प्रताड़ित शरणार्थियों से है, इस कारण भारत के मुसलमानों का इससे कोई संबंध नहीं है।”

    पाकिस्तान के ननकाना साहिब के गुरुद्वारे पर पिछले दिनों हुए हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “यह घटना वहां अल्पसंख्यकों पर होने वाले अत्याचार का प्रमाण है। इस भीड़ का नेतृत्व उस परिवार ने किया, जिसने उसी गुरुद्वारे के ग्रंथी की बेटी का अपहरण किया था। वहीं दूसरी ओर देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसक आंदोलन कर घटनाओं को अंजाम देकर राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इस हिंसा का राजनीतिक स्वार्थ के लिए साम्यवादी दल और अन्य दल समर्थन कर रहे हैं, यह देश के लिए घातक है, इसकी विहिप निंदा करता है।”

    उन्होंने आगे कहा, “विहिप देशव्यापी जनजागरण अभियान चलाएगा। विहिप एक हिंदू संगठन है, इसके चलते हिंदू सिख और अन्य शरणार्थियों को नागरिकता दिलाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा।”

    परांडे के अनुसार, विहिप देश के लगभग 60 हजार स्थानों के अलावा 29 देशों तक फैला हुआ है, जो एक लाख से ज्यादा सेवा प्रकल्प चला रहा है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, आर्थिक स्वावलंबन, महिला सशक्तिकरण और कौशल विकास के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।

    परांडे ने आंध्रप्रदेश सरकार के फैसले की निंदा की। इस फैसले के तहत हिंदू मंदिरों की जमीन अधिगृहित करने, ईसाई पादरी व मौलवियों को वेतन देने, हिंदू मंदिरों के संचालन व सेवा में गैर हिंदुओं को सम्मिलित करने का निर्णय लिया गया है। इसका विरोध जारी है। इसी माह इसके खिलाफ एक बड़ा आंदोलन खड़ा करने की तैयारी है।

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