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    पाकिस्तान से आ रहीं टिड्डियों की फौज का खात्मा करने के लिए राजस्थान के सीमावर्ती इलाके में ड्रोन भेजा गया है। पाकिस्तान की सीमा से सटे राजस्थान और गुजरात में टिड्डियों ने फसलों पर कहर बरपाया है, जिससे किसान परेशान हैं।

    केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने आईएएनएस को बताया कि खतरनाक टिड्डी दल के प्रकोप से किसानों को निजात दिलाने के लिए ड्रोन तैनात किया गया है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान से आने वाले ये टिड्डी खतरनाक हैं और किसान इनसे परेशान हैं। हमने इनका खात्मा कर किसानों की परेशानी दूर करने के लिए अमेरिकी विशेषज्ञों की मदद मांगी है।”

    चौधरी ने बताया कि पाकिस्तान की सीमा से लगे बाड़मेर, जालौर, जैसलमेर और आसपास के जिलों में फसलों पर टिड्डी कहर बरपा रहे हैं।

    उन्होंने कहा, “मुझे निराशा इस बात से हो रही है कि किसानों के संकट की इस घड़ी में भी राजस्थान सरकार सहयोग नहीं कर रही है। फसलों को हुए भारी नुकसान से हजारों किसान पीड़ित हैं, लेकिन राजस्थान सरकार को उनकी कोई परवाह नहीं है।”

    वहीं, पड़ोसी राज्य गुजरात में टिड्डियों के आतंक से किसानों को निजात दिलाने में प्रदेश सरकार के कार्यों की सराहना करते हुए चौधरी ने कहा, “टिड्डियों का प्रकोप गुजरात में भी था, लेकिन प्रदेश सरकार ने सक्रियता दिखाई और किसानों की समस्या दूर करने में उनकी मदद की। गुजरात में टिड्डी का प्रकोप अब समाप्त हो गया है।”

    टिड्डियों के असंख्य दल देश की पश्चिमी सीमा के आसपास के इलाकों में फसलों को अक्सर बर्बाद कर देते हैं। हाल के दिनों में पाकिस्तान से आए टिड्डियों के धावा बोलने से कृषि भवन में भी नौकरशाहों की चिंता बढ़ गई है।

    चौधरी खुद बाड़मेर से आते हैं। उन्होंने किसानों के इस संकट का समाधान करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया है।

    राज्यमंत्री के रूप में कैलाश चौधरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिपरिषद में युवा मंत्रियों में शुमार हैं।

    चौधरी ने बताया, “आरंभ में हमने दो हाईटेक ड्रोन का इस्तेमाल किया है। हमने अब अमेरिकी विशेषज्ञों से भी संपर्क किया है और जल्द ही इसका स्थाई समाधान तलाशेंगे।”

    टिड्डियों का खात्मा करने के लिए ड्रोन तैनात करने का आइडिया कैसे आया? चौधरी ने आईएएनएस से कहा कि गुजरात सरकार ने इससे पहले टिड्डियों के प्रकोप समाप्त करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया था।

    उन्होंने बताया, “मुझे बताया गया कि जापान की निजी कंपनी सुमितोमा केमिकल्स ने ड्रोन मुहैया करवाया था, जिससे इस समस्या को दूर करने में मदद मिली थी। हमने भी आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया और टिड्डी दलों को समाप्त करने में इससे सफलता मिली है। मैं स्थानीय किसानों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने टिड्डियों का खात्मा करने के लिए छिड़ी जंग में हमारा साथ दिया।”

    जैसलमेर और बाड़मेर से मिली रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से टिड्डियों के आतंक फसलों की बर्बादी रोकने में कुछ हद तक सफलता मिली है, जिससे हजारों किसानों को संकट से निजात मिली है।

    बर्बाद फसलों के लिए किसानों को मुआवजा देने के सवाल पर चौधरी ने कहा कि टिड्डियों से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी जिलों के कलेक्टरों को गिरदावरी करवाकर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है और राज्य सरकार के पास एसडीआरएफ के फंड का जो पैसा है, उससे मुआवजा दिया जाएगा।

    उन्होंने कहा, “हमने राज्य सरकार को कहा है कि किसानों को तुरंत राहत दी जाए। अगर और पैसों की आवश्यकता होगी तो केंद्र सरकार एनडीआरएफ के फंड से किसानों के लिए मुहैया करवाएगी।”

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