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    उत्तर प्रदेश विधानमंडल के विशेष सत्र में मंगलवार को आरक्षण प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई। विधान भवन में विधानसभा की कार्यवाही में एससी/एसटी आरक्षण की अवधि 10 वर्ष बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के आरक्षण की अवधि 10 साल के लिए और बढ़ाने का प्रावधान करने वाले एक विधेयक को मंजूरी दे दी गई। विधानसभा में संक्षिप्त चर्चा के बाद सर्वसम्मति से यह विधेयक पारित किया गया।

    उत्तर प्रदेश विधानसभा ने एससी-एसटी आरक्षण पर मुहर लगा दी है। 11 बजे प्रारंभ हुई सदन की कार्यवाही में 126वें संविधान संशोधन विधेयक को विचार के लिए प्रस्तुत किया गया, जिस पर विधानसभा ने सहमति की मुहर लगा दी। इस विधेयक के पारित होने से अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आरक्षण की सीमा 10 वर्ष के लिए बढ़ गई है।

    वर्तमान आरक्षण 25 जनवरी, 2020 को खत्म हो रहा है। इससे पहले लोकसभा और राज्यसभा से पारित संशोधन राज्य विधानसभा से भी सर्वसम्मति से पारित हो गया।

    ज्ञात हो कि संसद ने हाल ही में इस संबंध में एक संविधान संशोधन विधेयक पारित किया और इसके कानून बनने से पहले राज्य विधानसभाओं द्वारा कानून का अनुमोदन किया जाना है।

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