Mon. Nov 18th, 2024

    एक जनवरी, 2020 को भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के रूप में कार्यभार संभालने जा रहे भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को कहा कि सेना कोई भी युद्ध लड़ने के लिए बेहतर रूप से तैयार और सुसज्जित है। इससे पहले, यह कहा गया था कि जनरल रावत मंगलवार दोपहर सीडीएस का कार्यभार संभालेंगे, लेकिन रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि वह एक जनवरी, 2020 को पदभार ग्रहण करेंगे।

    जनरल रावत ने कहा, “सेना प्रमुख के रूप में अपने तीन वर्षों के दौरान, मैं कह सकता हूं कि हमने हथियारों के आधुनिकीकरण, सैन्य बल पुनर्गठन और गैर-संपर्क युद्ध पर अधिक ध्यान दिया है।”

    जब तक सेनाध्यक्ष का प्रभार सौंप नहीं देता, तब तक सेनाध्यक्ष के रूप में काम करूंगा

    उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सेनाध्यक्ष के रूप में उन्होंने पूरी तरह से उन भूमिकाओं और जिम्मेदारियों पर फोकस किया, जो उन्हें दी गई थीं। सेनाध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्ति के पहले जनरल रावत ने कहा, “अगर कोई कहता है कि मैं सेना प्रमुख के रूप में चीफ ऑफ द डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनने की दिशा में काम कर रहा था, तो यह पूरी तरह गलत है। मैं भारतीय सेना प्रमुख के रूप में मुझे सौंपी गई जिम्मेदारियों पर ध्यान दे रहा था और दे रहा हूं। जब तक मैं अपना प्रभार सौंप नहीं देता, तबतक मैं सेनाध्यक्ष के रूप में काम करूंगा।”

    सेनाध्यक्ष का कार्य जवाबदेही और जिम्मेदारी का है

    सेना प्रमुख को भारतीय सेना ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया, और उसके बाद उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख का काम बहुत कठिन है। रावत ने कहा कि “सेनाध्यक्ष का कार्य जवाबदेही और जिम्मेदारी का है। अब तक मैं सेनाध्यक्ष हूं और मेरा मैंडेट उन भूमिकाओं और जिम्मेदारियों तक सीमित है, जिन्हें मुझे सौंपा गया था। जब एक नई जिम्मेदारी दी गई, तो मैं इस बारे में सोचूंगा और उसी के अनुसार काम करूंगा।”

    भारतीय सेना के जवानों के प्रति कृतज्ञता और प्रशंसा व्यक्त की

    गार्ड ऑफ ऑनर लेने से पहले, जनरल रावत ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया। उन्होंने कहा, “आज जैसा कि मैं भारतीय सेना के थल सेनाध्यक्ष के पद से सेवानिवृत्त हो रहा हूं, मैं सैनिकों और भारतीय सेना के जवानों के लिए अपनी कृतज्ञता और प्रशंसा व्यक्त करना चाहता हूं, जो चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में डटे रहे हैं और हमारे सशस्त्र बलों की परंपराओं को बनाए रखते हुए अपना कर्तव्य निभाया है।”

    28 वें सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवाने को दी शुभकामनाएं

    जनरल रावत ने कहा, “मैं उन सैनिकों को विशेष रूप से बधाई देना चाहता हूं, जो उत्तरी, पश्चिमी और पूर्वी सीमाओं पर तैनात हैं, जो इस सर्द और बफीर्ली हवाओं के बीच बिना अडिग और मुस्तैदी के साथ अपनी ड्यूटी कर रहे हैं।” उन्होंने जनरल मनोज मुकुंद नरवाने को भी शुभकामनाएं दीं, जो 28वें सेनाध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण करेंगे।

    भारतीय सेना के सहयोग की वजह से काम और जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सका

    जनरल रावत ने कहा कि वह इस बात के लिए आभारी हैं कि भारतीय सेना ने उनके तीन वर्षों के कार्यकाल में उनका साथ दिया। उन्होंने कहा, “मुझे जो सहयोग मिला, उसकी वजह से मैं अपने काम और जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सका।” उन्होंने आगे कहा कि भारतीय सेना में सेना प्रमुख महज एक पद है।

    31 मार्च 2023 तक सीडीएस के रूप में कार्यभार संभालेंगे जनरल बिपिन रावत

    जनरल रावत भारतीय सेना का नेतृत्व करने के लिए जनरल नरवाने को कार्यभार सौंपेंगे। सरकार ने जनरल नरवाने को अगला सेना प्रमुख नियुक्त किया है। केंद्र सरकार ने सोमवार देर रात घोषणा की कि जनरल रावत को सीडीएस के रूप में नियुक्त किया गया है। जनरल रावत 31 मार्च, 2023 तक सीडीएस के रूप में काम करेंगे। रावत को 16 दिसंबर, 1978 को 11 गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में नियुक्त किया गया था।

    65 वर्ष की आयु तक सेवा देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने रक्षा नियमों को किया संशोधित

    रविवार को, रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेना के नियमों में संशोधन किया। संशोधित नियमों के अनुसार, सीडीएस 65 वर्ष की आयु तक सेवा दे सकेंगे। मौजूदा सरकारी नियमों के अनुसार, तीनों सेना प्रमुख 62 वर्ष की आयु तक या तीन साल तक, इनमें से जो भी पहले हो, तक सेवा दे सकते हैं।

    केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) पद और इसके चार्टर और कर्तव्यों को मंजूरी दी। सीडीएस एक 4-स्टार जनरल होगा, जो नए सैन्य मामलों के विभाग का प्रमुख होगा।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *