उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा की गई कथित क्रूरता की न्यायिक जांच की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और उप्र राज्य इकाई के प्रमुख अजय कुमार लल्लू द्वारा हस्ताक्षरित एक ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा।
इस प्रतिनिधिमंडल में प्रमोद तिवारी और विधानसभा में कांग्रेस की नेता अराधना मोना मिश्रा भी शामिल रही।
ज्ञापन में कहा गया, “हम नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के कार्यान्वयन के खिलाफ सार्वजनिक प्रदर्शनों के दौरान उप्र पुलिस के गैरकानूनी आचरण की पूर्ण न्यायिक जांच की मांग करते हैं। हम कानूनी ढांचे के तहत कार्रवाई करने के लिए उप्र पुलिस को तत्काल निर्देश जारी किए जाने की अपील करते हैं।”
इसके अलावा ज्ञापन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बदला लेने संबंधी सार्वजनिक बयान को भी चौंकाने वाला बताया गया है। वहीं प्रशासन को कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी में विफल बताया गया है।