भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को इजराइल का दौरा करेंगे। इस दौरे के दोनों ही देशों की तरफ से एक ऐतिहासिक दौरा बताया जा रहा है। इतिहास में पहली बार एक भारतीय प्रधान मंत्री इजराइल का दौरा करेगा। इस दौरे को रक्षा, व्यापार, कृषि आदि कई छेत्रों के लिहाज से बहुत ही जरूरी दौरा बताया जा रहा है।
भारत की तरह इजराइल में भी नरेंद्र मोदी के दौरे पर चर्चाएं चल रही है। ख़बरों की माने तोह इजराइल मोदी के स्वागत की तैयारियां काफी दिनों से कर रहा है। कुछ दिनों पहले ही इजराइल के एक मुख्य अख़बार ने लिखा था कि ‘जागो, दुनिया के सबसे ताकतवर पीएम आ रहे हैं.’ इस बात से पता लगाया जा सकता है कि इजराइल के लोग कितनी बेसब्री से मोदी के दौरे का इंतज़ार कर रहे हैं।
इससे पहले यह खबर भी सामने आयी है कि नरेंद्र मोदी ने फिलिस्तीन का दौरा रद्द कर दिया है। इजराइल के बाद मोदी फिलिस्तान का भी दौरा करने वाले थे। ऐसा करने के पीछे इजराइल से मजबूत सम्बन्ध बनाना बताया जा रहा है। जाहिर है कि इजराइल और फिलिस्तीन के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। ऐसे में मोदी कि कूटनीति सफल होती दिख रही है।
मोदी का इजराइल दौरा भारत के लिए बहुत जरूरी बताया जा रहा है। दौरे के दौरान दोनों प्रधान मंत्री रक्षा के अलावा कई मुद्दों पर बात करेंगे। जाहिर है भारत पिछले कुछ सालों से इजराइल से हथियार आयात कर रहा है। रक्षा डील के अलावा दोनों देश कृषि, व्यापार, आई.टी. आदि मुद्दों पर भी खुल कर चर्चा करेंगे। इस डील के जरिये भारत और इजराइल के व्यापारी रिश्ते भी मजबूत हो जाएंगे। उसकी बदौलत भारत में ‘मेक इन इंडिया’ स्कीम को भी बढ़ावा मिलेगा।
इसके साथ-साथ गंगा की स्वछता के लिए भी इजराइल और उत्तर प्रदेश के बीच एक डील हो सकती है। इजराइल की उच्च तकनीक की मदद से भारत गंगा की समस्या भी सुलझा सकता है। इस दौरे से इजराइल को भी कई फायदे होंगे। इजराइल भारत के ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिज़िटल इंडिया’, ‘स्टार्टअप इंडिया’ आदि का फायदा उठा सकता है।