भारतीय खेल जगत का अधिकतम ध्यान क्रिकेट की तरफ ही रहता है और कईं बार आपस में होने वाली बातचीतों में भी सिर्फ क्रिकेट का ही मुद्दा उठता है। ऐसे में जब किसी अन्य स्पोर्ट जैसे बॉक्सिंग की कोई खबर सुनने को मिलती है तो एहसास होता है कि क्रिकेट के अलावा और भी ऐसे विकल्प हैं जहाँ भारतीय खिलाड़ी देश को गौरवान्वित करने की क्षमता रखते हैं, यदि उन्हें सही संसाधन दिए जाएं तो। बात करते हैं भारत में आयोजित हुए भारतीय ओपन अंतरराष्ट्रीय बॉक्सिंग टूर्नामेंट की, जिसमें पहले दिन भारतीय खिलाड़ियों ने अपना दम सब को दिखाया और ये साफ कर दिया कि वे इतनी आसानी से मौका हाथ से नहीं जाने देंगे।
पांच बार की विश्व चैंपियन एम सी मैरीकॉम का मुकाबला वर्षा चौधरी से हुआ जिसमें उन्होंने बिना कोई संघर्ष किये आसानी से मैच जीत लिया। हालांकि वर्षा चौधरी ने एक अच्छी लड़ाई पेश की थी, मगर वे अपनी फॉर्म ज़्यादा देर तक कायम न रख पाने की वजह से हार गईं। पुरुष वर्ग में कॉमनवेल्थ गेम्स विजेता मनोज कुमार ने केन्या के किमाथि जैकब को हरा कर टूर्नामेंट में आगे जाने का रास्ता साफ किया। उस से पहले हुए मुकाबले में, हाल ही में हुए सीनियर महिला नेशनल (रोहतक) की कांस्य पदक विजेता निखत ज़रीन ने काफी उग्र खेल खेलते हुए एक आसान जीत हासिल की। उन्होंने नीरज को हराया। दूसरी तरफ पिंकी रानी और संजीत ने भी अपने खेल से काफी प्रभावित किया।
भारतीय खिलाड़ियों के अलावा विदेशी खिलाड़ियों ने भी टूर्नामेंट में अपनी प्रबल दावेदारी और मौजूदगी दर्ज कराते हुए कईं मुकाबले अपने नाम किए। निस्संदेह ही भारतीय बॉक्सर्स के पास घरेलू समर्थन है, मगर विदेशी खिलाड़ी किन्हीं मायनों में कम नहीं हैं। महिला वर्ग में फिलीपीन्स की जोसी गबुको, फ़िनलैंड की मरजुत पटकोंण और मंगोलिया के एरदेने उरचिमेग (पुरुष वर्ग) में अपने बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत टूर्नामेंट में आगे बढ़े। अब देखना यह है कि ये धमाकेदार टूर्नामेंट किसे विजेता बनाता है।