सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में एक मुस्लिम व्यक्ति के ‘बारात’ को सुरक्षित उसके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए हिंदू लड़कों ने बारात के चारों तरफ मानव श्रृंखला बनाई।
शनिवार को जब कानपुर शहर नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर हिंसा से जूझ रहा था तो हिंदू लड़कों ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मानव श्रृंखला बनाई और मुस्लिम बारात को शादी की जगह तक सुरक्षित पहुंचाया।
हिंसा और उसके बाद के कर्फ्यू ने खान परिवार को परेशान कर दिया था और उन्होंने शादी को टालने का फैसला किया। दूल्हे के पड़ोसी विमल चपड़िया को जब इस दिक्कत की जानकारी हुई तो उन्होंने परिवार की मदद करने का फैसला किया।
चपड़िया और उनके दोस्त सोमनाथ तिवारी और नीरज तिवारी ने सभी दोस्तों को एकत्र किया और जब मुस्लिम दूल्हे के सभी 70 बाराती पहुंचे तो हिंदू लड़कों ने उनके चारों तरफ मानव श्रृंखला बनाकर सुरक्षित बाकरगंज के विवाह स्थल तक पहुंचाया, जो करीब एक किलीमीटर दूर था।
शादी समाप्त होने तक लड़के वहां रुके रहे और बारात को फिर से इलाके से सुरक्षित विदा किया ।
चपड़िया ने कहा कि उन्होंने वही किया जो उन्हें सही लगा। चपड़िया एक निजी स्कूल में एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में काम करते हैं।
उन्होंने कहा, “मैंने दुल्हन जीनत को बढ़ते-खेलते देखा है। वह मेरी छोटी बहन जैसी है। मैं उसे दुखी कैसे देख सकता हूं। हम पड़ोसी हैं और मुझे संकट के समय परिवार के साथ खड़ा होना था।”
जीनत ने कहा कि विमल उनके भाई की तरह है और उन्होंने जो किया है, उसे वह भुला नहीं सकती।