उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने फैसला किया है कि राज्य में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ हाल में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के मामले की जांच विशेष जांच दल (एसआईटी) करेगा। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी.सिंह ने एसआईटी जांच के आदेश दिए हैं।
डीजीपी ने कहा कि प्रत्येक जिले में एसआईटी जांच की अगुवाई एडिशनल एसपी रैंक का अधिकारी करेगा। एसआईटी जांच का नेतृत्व जिले के एडिशनल एसपी (क्राइम) या एडिशनल एसपी (सिटी) करेंगे।
पिछले एक सप्ताह में सीएए विरोधी प्रदर्शनों से संबंधित हिंसा के बाद 1,100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 5,558 को एहतियातन हिरासत में लिया गया है।
पुलिस ने राज्यभर में हुई हिंसा में 19 लोगों के मारे जाने की बात कही है।
मृतकों में फिरोजाबाद के पांच, मेरठ के चार, कानपुर के तीन, संभल और बिजनौर के दो-दो और मुजफ्फरनगर, रामपुर और लखनऊ के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।
इसमें 20 दिसंबर को वाराणसी में भगदड़ में मारे गए आठ वर्षीय बच्चे को शामिल नहीं किया गया है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “आठ वर्षीय बच्चा पुलिस कार्रवाई में नहीं, बल्कि भगदड़ में उस समय मारा गया, जब प्रदर्शनकारी पीछे हट रहे थे।”
विभिन्न स्थानों पर छापे के दौरान, पुलिस ने 35 अवैध हथियार बरामद किए, जो दंगों के दौरान पुलिस को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए थे।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि राज्य में विभिन्न स्थानों से 647 खाली कारतूस भी बरामद किए गए।