Tue. Oct 1st, 2024

    पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश में सीएए विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़की हिंसा के मद्देनजर राज्य के विभिन्न शहरों में अधिकारियों ने एहतियाती कदम के रूप में शुक्रवार की नमाज से पहले इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है। उत्तर प्रदेश में पिछले सप्ताह नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ बड़े पैमाने पर और सबसे हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए हैं। जिनमें कम से कम 17 लोगों की मौत और 200 से अधिक पुलिस कर्मियों के घायल होने और राज्य के स्वामित्व वाली संपत्ति का नुकसान हुआ है।

    अधिकारियों ने बुलंदशहर, मथुरा, गाजियाबाद, आगरा और राज्य के कई अन्य शहरों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी हैं। बुलंदशहर में 28 दिसंबर की सुबह तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। आगरा में 27 दिसंबर तक इंटरनेट सेवाएं नहीं होंगी। शुक्रवार की नमाज से पहले शांति सुनिश्चित करने के लिए यूपी में सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों ने फ्लैग मार्च किया है। राज्य में शांतिपूर्ण शुक्रवार की प्रार्थना सुनिश्चित करने के लिए कई जिलों में अर्धसैनिक बल के जवान और राज्य पुलिस बल तैनात किए जाएंगे और ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल किया जाएगा।

    उत्तर प्रदेश : 498 लोगों को सार्वजनिक संपत्तियों के नुकसान की भरपाई के लिए नोटिस जारी

    नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में उत्तर प्रदेश के करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान आगजनी, तोड़फोड़ कर सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था। सरकार के निर्देश पर नौ जनपदों के डीएम ने क्षतिपूर्ति के लिए 498 लोगों को चिन्हित किया है। हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि जिन लोगों ने सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है, उनकी संपत्ति जब्त कर इस नुकसान की भरपाई की जाएगी।

    सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, लखनऊ में 82, मेरठ में 148, संभल में 26, रामपुर में 79, फिरोजाबाद में 13, कानपुर नगर में 50, मुजफ्फरनगर में 73, मऊ में 08, बुलंदशहर में 19 लोगों को रिकवरी के लिए चिन्हित किया गया है।

    उल्लेखनीय है कि 19 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में लखनऊ के तीन थाना इलाकों में प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान दो पुलिस चौकियों समेत कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। हजरतगंज कोतवाली के परिवर्तन चौक पर सबसे अधिक सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था। अपर जिलाधिकारी (नगर पूर्वी) द्वारा यहां अनुमानित धनराशि 2 करोड़ 54 लाख रुपये की वसूली के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

    लखनऊ में जिन्हें नोटिस जारी किया गया है, उसमें रिटायर्ड आईपीएस एस.आर. दारापुरी, कांग्रेस नेता सदफ जफर और रिहाई मंच के मोहम्मद शोएब शामिल हैं।

    लखनऊ के जिलाधिकारी (डीएम) अभिषेक प्रकाश ने बताया कि अनुमान करोड़ों में है और अभी आंकलन किया जा रहा है कि आखिर कुल कितना नुकसान हुआ है? हर सेक्टर में नुकसान का आंकलन करके हिंसा करने वालों पर जुर्माने की राशि तय की जाएगी।

    उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि “हम किसी निर्दोष को नहीं छू रहे हैं, लेकिन हिंसा में शामिल किसी भी शख्स को नहीं छोड़ा जाएगा। यही कारण है कि हमने कई संगठनों के सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया है, चाहे वह पीएफआई हो या अन्य कोई राजनीतिक दल।” डीजीपी ने कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था पूरी तरह नियंत्रण में है।

    जामिया हिंसा में निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर जामिया छात्र भूख हड़ताल पर बैठे

    New Delhi: Students sit on satyagrah protesting against police brutality, demanding an investigation into the police violence against students, near Jamia Millia Islamia in New Delhi on Dec 27, 2019. (Photo: IANS)

    जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की निष्पक्ष जांच के लिए एक दिन की भूख हड़ताल का आह्वान किया है। छात्रों का कहना है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं होती है तो वह इस हड़ताल को और भी आगे बढ़ाएंगे। छात्र हिंसा मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही वे घायल लोगों को मुआवजा देने और गिरफ्तार लोगों की तत्काल रिहाई की मांग कर रहे हैं।

    भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों ने कहा कि वे शाम को बयान देंगे। छात्र अपने साथ पोस्टर लिए हुए हैं, जिन पर लिखा हुआ है कि सीएए और एनपीआर-एनआरसी आर्थिक मंदी से लोगों का ध्यान हटाने के अलावा और कुछ नहीं है।

    जामिया की एक छात्रा शीना ने कहा, “यह जारी रहेगा, क्योंकि हम सीएए और पुलिस हिंसा के खिलाफ हैं। सरकार निष्पक्ष जांच से क्यों कतरा रही है?” एक पूर्व छात्र अब्बास ने कहा, “मैं अपनी एकजुटता दिखाने के लिए आया हूं। हमारे पास विरोध करने का लोकतांत्रिक अधिकार है और हम किसी भी हिंसा के खिलाफ हैं।”

    आंध्र प्रदेश : विजयवाड़ा में विरोध प्रदर्शन

    आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में बड़ी संख्या में लोगों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम में विरोध में प्रदर्शन किया।

    महाराष्ट्र : मुंबई में आगस्त क्रांती मैदान में सीएए के समर्थन में और आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन

    मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में  बड़ी संख्य में लोगों ने धरना प्रदर्शन किया।

    वहीं दूसरी तरफ मुंबई के आजाद मैदान में भी लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हुए और नागरकिता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन किया।

    राजस्थान : अजमेर में विरोध प्रदर्शन

    राजस्थान के अजमेर में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर विरोध प्रदर्शन

    डीएमआरसी : लोक कल्याण पर मार्ग मेट्रो स्टेशन पर नहीं रुकेंगी मेट्रो

    दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने जानकारी दी है कि लोक कल्याण मार्ग मेट्रो स्टेशन के प्रवेश और निकास द्वार बंद हैं। इस स्टेशन पर ट्रेनों का ठहराव नहीं होगा।

    दिल्ली : उत्तर प्रदेश भवन के बाहर से प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया

    राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शकारियों को दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश भवन के बाहर हिरासत में लिया।

    दिल्ली : विरोध प्रदर्शनों को लेकर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर बैठक

    देशभर में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों को लेकर, दिल्ली में केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के आवास पर आज एक बैठक आयोजित की गई। भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन, राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) के अध्यक्ष घयोरुल हसन रिजवी और अन्य बैठक में उपस्थित थे।

    दिल्ली : पीएम आवास की तरफ बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को जोरा बाग मेट्रो स्टेशन पर रोका गया

    एडिशनल डीसीपी दिल्ली साउथ, परविंदर सिंह ने बताया कि, यहाँ (जोर बाग में) हालात शांतिपूर्ण है। केवल 50-60 लोगों का जमावड़ा है। उन्हें यहां से जाने का अनुरोध किया गया है। अब तक वे दिए गए निर्देशों का पालन कर रहे हैं।

    भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद की तुरंत रिहाई की मांग को लेकर राष्ट्रीय राजधानी में सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर पिछले हफ्ते जामा मस्जिद में हुए प्रदर्शन के दौरान आजाद को गिरफ्तार किया गया था।

    इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन अंजुमन-ए-हैदरी और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने दक्षिण दिल्ली के अपसौर जोरबाग इलाके में दरगाह शाह-ए-मर्दन से किया। प्रदर्शनकारियों ने दरगाह से 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास तक के लिए मार्च शुरू किया। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने उन्हें जोर बाग मेट्रो स्टेशन से पहले ही रोक दिया।

    प्रदर्शनकारी ने हाथों में राष्ट्रीय ध्वज, संविधान निर्माता बाबा भीम राव अंबेडकर और भीम आर्मी के प्रमुख चेंद्रशेखर आजाद की तस्वीरें पकड़े थे। इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार के विरोध में और आजाद की रिहाई को लेकर नारे लगाए। विरोध दर्ज कराने के लिए प्रदर्शनकारियों ने हाथों पर काली पट्टियां बांध रखी थीं।

    विरोध प्रदर्शन में अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्लाह भी शामिल हुए। उन्होंने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “सरकार कह रही है कि एनआरसी और सीएए एक दूसरे से भिन्न हैं। लेकिन जिस प्रकार से नियम बनाए गए हैं, उनसे स्पष्ट होता है कि यह दोनों एक ही हैं।”

    इसे संविधान के विरुद्ध करार देते हुए उन्होंने आगे कहा, “धर्म के आधार पर लोगों को बांटने का कार्य किया जा रहा है। देश का नागरिक होने के नाते यह हमारा कर्तव्य है कि हम संविधान को बचाएं।”

    दिल्ली : जामा मस्जिद के प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कब्रिस्तान मंजूर है, लेकिन पाकिस्तान नहीं

    राष्ट्रीय राजधानी के ऐतिहासिक जामा मस्जिद इलाके में शुक्रवार को जुमे की नमाज बाद नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन हुआ। यहां प्रदर्शनकारियों ने कहा कि “हमसे कोई पाकिस्तान जाने को न कहे। हम हिंदुस्तान के किसी कब्रिस्तान में तो जा सकते हैं, लेकिन पाकिस्तान नहीं जा सकते।” प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और एनआरसी के खिलाफ यहां जमकर नारेबाजी की।

    सीएए विरोधी यह प्रदर्शन जामा मस्जिद के मेन गेट पर हुआ। प्रदर्शन का आयोजन कांग्रेस नेताओं द्वारा किया गया था। पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष शोएब इकबाल, पूर्व विधायक अलका लांबा, और टीएमसी के नेता व व्यापारी नेता इस प्रदर्शन में शरीक हुए।

    जामा मस्जिद में हुए इस प्रदर्शन के दौरान अलका लांबा ने अपने माथे से बिंदी उतार दी और सिर पर मुस्लिम हिजाब ओढ़ लिया। अलका ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों के कपड़ों पर टिप्पणी की थी, इसलिए आज मैं इस वेशभूषा में यहां आई हूं। अब हमारे कपड़ों से पहचान के बताओ कि हम कौन हैं।”

    जामा मस्जिद के बाहर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए दिल्ली विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष शोएब इकबाल ने कहा, “प्रधानमंत्री और गृहमंत्री एक-दूसरे के विपरीत बयान देते हैं, जिससे लोगों में भ्रम पैदा हो रहा है। प्रधानमंत्री ने रामलीला मैदान से कहा कि एनआरसी पर चर्चा ही नहीं हुई। कहीं एनआरसी लागू होने नहीं जा रहा। वहीं गृहमंत्री अमित शाह संसद में, संसद के बाहर साफ शब्दों में कह रहे हैं कि एनआरसी आएगा और पूरे देश में लागू किया जाएगा।”

    इकबाल ने कहा, “प्रधानमंत्री या गृहमंत्री दोनों में से कोई एक झूठ बोल रहा है। अब प्रधानमंत्री की बात तभी सच मानी जा सकती है जब वह संसद का विशेष सत्र बुलाकर नागरिकता संशोधन कानून को खारिज कर दें। जब तक यह कानून वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक वे लोग इसके खिलाफ मुहिम चलाए रखेंगे।”

    हालांकि इस बार जामा मस्जिद के बाहर शुरू हुआ प्रदर्शन कुछ देर बाद यहीं समाप्त कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों को जुलूस की शक्ल में आगे न जाने की हिदायत दी गई। सभी से कहा गया कि वे अपना प्रदर्शन शांतिपूर्ण रखें। गौरतलब है कि पिछले जुमे की नमाज के बाद हुआ प्रदर्शन शाम होते-होते उग्र हो गया था। कुछ उपद्रवियों ने पुलिस पर पथराव किया और एक कार को आग लगा दी थी।

    इमाम उमर अहमद इलियासी ने लोगों से की शांती बनाए रखने की अपील

    इमाम उमर अहमद इलियासी ने कहा है कि, मैं इस देश के सभी नागरिकों से शांती बनाए रखने की अपील करना चाहूंगा। विरोध प्रदर्शन करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है और हमें विरोध करना चाहिए लेकिन शांति से। साथ ही इमाम सहित 50 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर मुलाकात करेगा।

    नॉर्थ ईस्ट दिल्ली : शुक्रवार की नमाज से पहले अर्धसैनिक बलों की 15 कंपनियां तैनात

    डीसीपी नॉर्थ ईस्ट दिल्ली, प्रकाश सूर्या ने बताया कि, शुक्रवार की नमाज से पहले पर्याप्त पुलिस बल और अर्धसैनिक बलों की 15 कंपनियां इलाके में तैनात हैं। हम सीलमपुर, जाफराबाद, वेलकम और मुस्तफाबाद क्षेत्रों में फ्लैग मार्च कर रहे हैं। हम लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।

    दिल्ली में शुक्रवार की नमाज से पहले सीलमपुर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सुरक्षा निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

    दिल्ली : सीलमपुर हिंसा मामले में कांग्रेस पूर्व विधायक मतीन अहमद के खिलाफ एफआईआर

    पूर्व कांग्रेस विधायक मतीन अहमद, जिन्हें 17 दिसंबर को सीलमपुर सीएए विरोध हिंसा के संबंध में एफआईआर में नामजद किया गया है। उन्होंने बताया कि, हमें बाइक रैली के लिए अनुमति नहीं दी गई थी। पुलिस को पता है कि मैं भड़काने वाली भाषा नहीं बोलता। कांग्रेस को नुकसान पहुंचाने के लिए गृह मंत्रालय के निर्देश पर यह किया गया है

    उत्तर प्रदेश : 21 जिलों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित

    उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार ने 21 जिलों में शुक्रवार मध्यरात्रि तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दिया है। हालांकि शुरुआत में राज्य के नौ जिलों में इंटरनेट सेवा बंद करने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने गुरुवार मध्यरात्रि को एक आदेश जारी किया कि शुक्रवार मध्यरात्रि तक 21 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी।

    जिन जिलों में इंटरनेट सेवा बंद किया गया है, उनमें लखनऊ, हापुड़, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मेरठ, कानपुर, फिरोजाबाद, बरेली, सहारनपुर, बिजनौर, रामपुर, अमरोहा, बहराइच, मुजफ्फरनगर, संभल, शामली, वाराणसी, आजमगढ़, मुरादाबाद, आगरा और अलीगढ़ शामिल हैं।

    इंटरनेट सेवा को एहतिहातन शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ संभावित प्रदर्शन को देखते हुए बंद किया गया है। इंटरनेट सेवा इसलिए बंद की गई है, ताकि किसी भी तरह की कठिन परिस्थिति में सोशल मीडिया के माध्यम से सूचना के प्रसार को रोका जा सके। इससे पहले सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के कारण लखनऊ में छह दिनों के लिए इंटरनेट सेवा बंद की गई थी और पिछले सप्ताह बुधवार रात को ही सेवा बहाल की गई थी।

    उत्तर प्रदेश डीजीपी ओपी सिंह ने कहा है कि, कानून और व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। हमने सुरक्षा बलों की रणनीतिक तैनाती की है। साथ ही मामलों की जांच के लिए विशेष जांच दल गठित किए हैं। हमने 21 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है। उन्हें स्थिति की मांग के अनुसार बहाल किया जाएगा।

    दिल्ली पुलिस पीआरओ, एमएस रंधावा : पुलिस किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार 

    एमएस रंधावा, पीआरओ, दिल्ली पुलिस ने कहा है कि दिल्ली पुलिस नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध को लेकर  किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। एहतियात के तौर पर, पुलिस ने कुछ क्षेत्रों में कई कंपनी बलों को तैनात किया है। पुलिस अफवाहों की जांच के लिए सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भी नजर रख रही है।

    तेलंगाना : भाजपा विधायक हैदराबाद पुलिस ने नहीं दी सीएए समर्थन रैली की अनुमति

    हैदराबाद पुलिस ने गोशामहल विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक राजा सिंह को नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के समर्थन में एक सार्वजनिक बैठक आयोजित करने की अनुमति से इनकार कर दिया है।

    उत्तर प्रदेश : लखनऊ में बीएसएनएल छोड़कर बाकी सभी ऑपरेटर की मोबाइल सेवाएं निलंबित

    उत्तर प्रदेश सरकार ने 27 दिसंबर को लखनऊ में बीएसएनएल को छोड़कर सभी मोबाइल सेवा प्रदाताओं के मोबाइल इंटरनेट सेवा और एसएमएस सेवा को निलंबित कर दिया है।

    उत्तर प्रदेश : हिंसक प्रदर्शनों में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले 498 लोगों की पहचान 

    उत्तर प्रदेश के सूचना और संचार विभाग ने जानकारी दी है कि लखनऊ, मेरठ, संभल, रामपुर, मुज़फ्फरनगर, फ़िरोज़ाबाद, कानपुर नगर, मऊ और बुलंदशहर में नागरिकता कानून पर हालिया विरोध प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान के संबंध में 498 लोगों की पहचान की गई है।

    हरियाणा गृह मंत्री अनिल विज : सोनिया गांधी ने इटली से आकर नागरिकता ले ली, हमारे हिंदू और सिख भाइयों को नागरिकता मिल रही है तो विरोध कर रहे हैं

    हरियाणा के गृह मंत्री, अनिल विज ने कहा है कि, ‘सोनिया गांधी इटली से यहां आई थीं और उन्होंने नागरिकता ली थी लेकिन ये लोग तब विरोध कर रहे हैं। जब पाकिस्तान में सताए गए हमारे हिंदू और सिख भाइयों को नागरिकता मिल रही है। पाकिस्तान के पीएम भी उनके संघ का हिस्सा हैं, वे एक ही भाषा बोलते हैं।

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