नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) 2019 और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर लगातार चल रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच केंद्र सरकार द्वारा एनपीआर की घोषणा किए जाने के बाद लोगों के बीच इसे लेकर और भी भ्रम पैदा हो गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि एनपीआर, एनआरसी के क्रियान्वयन की दिशा में पहला कदम है। वहीं दूसरी तरफ गृहमंत्री अमित शाह ने इस बात को खारिज करते हुए कहा है कि एनआरसी और एनपीआर किसी भी तरह संबंधित नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि देशभर में एनआरसी लागू को लेकर अभी सरकार ने कोई चर्चा नहीं की है।
देश के विभिन्न हिस्सों के साथ अब सीएए और एनआरसी को लेकर दुनिया भर से विरोध और समर्थन की आवाजें उठने लगी है। संयुक्त राज्य अमेरिका के ऑस्टिन, रैले और सिएटल में बुधवार को भारतीय मूल के लोगों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में मार्च किया।
वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के बिजनौर में पुलिस ने सीएए हिंसक विरोध के दौरान हुए नुकसान का भुगतान करने के लिए सार्वजनिक और सरकारी संपत्ति नष्ट करने वाले 43 लोगों को नोटिस जारी किया है। इस मामले में बिजनौर डीएम रमाकांत पांडेय ने कहा है कि, कार्रवाई की जा रही है और मजबूत सबूतों के आधार पर ही कार्रवाई की जाएगी। मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि जो लोग इसमें शामिल नहीं थे, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।
उत्तर प्रदेश : शुक्रवार की नमाज से पहले गोरखपुर में सुरक्षाबलों ने किया फ्लैग मार्च
गोरखपुर में गुरुवार को सुरक्षा बलों ने फ्लैग मार्च किया। इसे लेकर एसपी सुनील गुप्ता ने कहा कि, “हमने लोगों में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए फ्लैग मार्च किया है। पिछले शुक्रवार की प्रार्थनाओं के दौरान, पथराव की घटनाएं घटित हुई थीं। हम कल के लिए तैयार हैं”।
उत्तर प्रदेश : पुलिस में जारी किए हिंसा से संंबंधित आंकड़े
उत्तर प्रदेश पुलिस ने बताया है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा के संबंध में, राज्य भर में 327 प्राथमिकी दर्ज की गईं। 1113 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 5558 को निवारक कार्रवाई के आधीन रखा गया है। अब तक 19 लोग मारे गए। 288 पुलिस कर्मी घायल हुए जिनमें से 61 को गोली लगी।
इसके अलावा 124 लोगों को सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। 93 एफआईआर दर्ज की गईं। 19409 सोशल मीडिया पोस्ट पर कार्रवाई की गई। 9372 ट्विटर, 9856 फेसबुक, और 181 यू ट्यूब प्रोफाइल को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
सीएए में मुस्लिमों को शामिल करना चाहता है एआईएमपीएलबी
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के अध्यक्ष और दारूल उलूम नदवातुल उलेमा के रेक्टर (कुलाधिसचिव) मौलाना राबे हसनी नदवी ने सरकार से नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) खत्म करने या इसमें मुस्लिमों को भी शामिल करने के लिए कहा है। यहां एक बयान में मौलाना ने कहा, “सीएए देश और समुदाय के लिए सही नहीं है। इस कानून के कारण देश में अव्यवस्था फैल गई है।
इस कानून के तहत दी जाने वाली सुविधा से मुस्लिमों को बाहर रखकर देश की धर्म निरपेक्षता को नुकसान पहुंच रहा है। इससे दुनियाभर में हमारे देश की प्रतिष्ठा पर भी असर पड़ रहा है। हमारा लोकतंत्र सभी को प्रदर्शन करने का अधिकार देता है लेकिन लोगों को हिंसक और भड़काऊ गतिविधियों से दूर रहना चाहिए।”
इससे पहले 16 दिसंबर को लखनऊ के 121 साल पुराने मदरसा दारूल उलूम नदवातुल उलेमा के छात्रों ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे दिल्ली में जामिया तथा अलीगढ़ में एएमयू के छात्रों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस मुद्दे पर मदरसा के छात्रों ने हॉस्टल से निकल कर विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद छात्रों द्वारा पत्थरबाजी करने पर पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा था।
बीएचयू के प्राध्यापकों ने सीएए-एनआरसी के खिलाफ चलाया अभियान
नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए प्रतिष्ठित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और इसके संबद्ध कॉलेजों के 51 प्राध्यापकों ने एक हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की है। बीएचयू को हमेशा से ही एक दक्षिणपंथी संस्था के रूप में देखा जाता रहा है, इसे मुख्यधारा की राजनीति में भाग लेते हुए शायद ही कभी देखा गया है।
यह कदम 19 दिसंबर को वामपंथी संगठनों द्वारा बुलाए गए एक विरोध प्रदर्शन में भाग लिए बीएचयू के विद्यार्थियों में से आधे दर्जनों की गिरफ्तारी के बाद उठाया गया।
गिरफ्तार किए गए 12 छात्रों में से तीन पीएचडी के छात्र हैं, आठ एमए की पढ़ाई कर रहे हैं और एक बीए का छात्र है। गिरफ्तार हुए छात्रों में से तीन विश्वविद्यालय परिसर के अंदर रहते हैं और प्राथमिकी सूचना रिपोर्ट के एड्रेस सेक्शन में इसका जिक्र किया गया है।
प्राध्यापकों ने एक हस्ताक्षरित दस्तावेज में कहा है, “हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह सीएए के दीर्घकालिक निहितार्थ पर पुनर्विचार करें और उम्मीद करते हैं कि पक्षपातपूर्ण राजनीति पर राष्ट्रीय हित की जीत होगी। हम प्रदर्शनकारियों से भी किसी भी तरह की हिंसा में शामिल न होने और लोकतांत्रिक व शांतिपूर्ण तरीकों से अपनी असहमति व्यक्त करने की अपील करते हैं।” बीएचयू के छात्र सीएए मामले में गिरफ्तार हुए छात्रों के साथ खड़े हैं। उन्होंने गिरफ्तार हुए 69 लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की है और उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है।
बीएचयू के छात्रों की गिरफ्तारी के साथ ही उसी दिन वाराणसी के अलग-अगल हिस्सों में पुलिस द्वारा लाठी-चार्ज किया गया, जिसके बाद हुई भगदड़ में आठ साल के एक बच्चे की मौत हो गई। विद्यार्थियों का दावा है कि वे शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। 19 दिसंबर से छात्रों के अलावा नागरिक समाज समूहों के सदस्यों और कार्यकर्ताओं की भी गिरफ्तारी हुई है।
वाराणसी पुलिस द्वारा कुल 69 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। और तो और, कई जगहों पर पुलिस ने कथित दंगाइयों की तस्वीरें भी चिपकाई हैं।
सीपीआई (एम) : वामपंथियों पार्टियों ने किया एक सप्ताह के विरोध प्रदर्शन का आह्वान
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने कहा है कि वामपंथी पार्टियाँ सीएए, एनआरसी, एनपीआर और आर्थिक मंदी के कारण लोगों के बढ़ते दुःख के खिलाफ 1 जनवरी से 7 जनवरी तक एक सप्ताह तक चलने वाले विरोध प्रदर्शन का आह्वान करती हैं। विरोध प्रदर्शन 8 जनवरी को होने वाली अखिल भारतीय सामान्य हड़ताल के साथ एकजुटता में होगा।
पश्चिम बंगाल : कोलकाता में ममता बनर्जी ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध मार्च निकाला
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) 2019 और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ गुरुवार को फिर से विरोध मार्च निकाला। इस दौरान उन्होंने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि, “मैं सभी छात्रों से अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए, लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध जारी रखने के लिए कहूंगी।”
इस दौरान ममता बनर्जी ने यह घोषणा भी की, कि मंगलुरु में विरोध प्रदर्शन के दौरान जिन लोगों की जान गई। उनके परिवार को वह मुआवजे के रूप में पांच लाख रुपए का चैक देंगी।
उत्तर प्रदेश : लखनऊ में 100 समेत, प्रदेश में 300 को कारण बताओं नोटिस जारी
लखनऊ जिला प्रशासन ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ पिछले सप्ताह शहर में हुए हिंसक प्रदर्शन के संबंध में 100 लोगों को नोटिस दे दिया है। लखनऊ के जिला अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने कहा, “अब तक 100 लोगों को कारण बताओ नोटिस दिया गया है और उन्हें सात दिन के अंदर खुद को निर्दोष साबित करने के लिए कहा गया है।” इन लोगों की पहचान सीसीटीवी और वीडियो फुटेज के आधार पर की गई।
आरोपियों से यह पूछा गया है कि सरकारी संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के लिए उनकी संपत्ति को जब्त क्यों ना किया जाए। जो लोग इन नोटिस के जवाब नहीं देंगे उन्हें नुकसान की भरपाई करनी होगी।
जिला अधिकारी ने पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है। यह प्रक्रिया 30 दिनों के अंदर पूरी होगी और उसके बाद संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू होगी। वहीं रामपुर में प्रदर्शन के दौरान हिंसा मामले में चिह्नित 28 लोगों को नोटिस जारी किया गया है। जिला प्रशासन ने वहां 25 लाख रुपये के नुकसान का आंकलन किया है।
रामपुर के जिला अधिकारी आंजनेय सिंह ने कहा, “दोषियों को जवाब देने के लिए सात दिन का समय दिया गया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों ना की जाए। जवाब नहीं देने पर सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए उनसे धन वसूलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।” मेरठ में 14 लाख रुपये के नुकसान का आंकलन किया गया है और जांच में इसके लिए 141 लोगों पर आरोप लगा है।
जिला अधिकारी अनिल धींगरा ने कहा कि जांच पूरी होने पर सूची में और नाम भी जोड़े जा सकते हैं।
गोरखपुर में सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान हिंसा में कथित रूप से शामिल 33 लोगों को नोटिस भेजा गया है। पुलिस ने कहा कि 1,000 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। हिंसा में कथित रूप से शामिल लोगों की तस्वीरें शहर में चस्पा कर दी गई हैं और सूचना देने वालों को इनाम देने की घोषणा कर दी गई है। इसके अलावा संभल में 15 लाख रुपये और बिजनौर में 19.7 लाख रुपये की सरकारी संपत्ति के नुकसान का आंकलन किया गया है। इन दोनों जिलों में भी नोटिस जारी कर दिए गए हैं।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले दंगाइयों से नुकसान की भरपाई की जाएगी। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, प्रदेश भर में 300 से ज्यादा लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
दिल्ली : दरियागंज हिंसा आरोपियों की जमानत याचिका पर कोर्ट का फैसला
नागरिकता संशोधन अधिनियम विरोध के दौरान दरियागंज हिंसा मामले के नौ आरोपियों की जमानत अर्जी पर शाम 4 बजे दिल्ली की अदालत फैसला सुनाएगी।
असम : गुवाहटी में आरटीआई एक्टिविस्ट अखिल गोगोई के आवास पर एनआईए ने छापा मारा
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को आरटीआई कार्यकर्ता अखिल गोगोई के आवास पर छापा मारा। गोगोई को इसी महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के नेता गोगोई की हिरासत अवधि शुक्रवार को समाप्त हो रही है। गोगोई को एजेंसी द्वारा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और अवैध (गतिविधियां) रोकथाम अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है।
सिटीजन फोरम द्वारा आयोजित एक विशेष बैठक में वक्ता गोगोई को तब गिरफ्तार किया गया था, जब असम में विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए जा रहे थे। विभिन्न किसान संगठनों को सलाह देने वाले कार्यकर्ता को पहले असम पुलिस द्वारा उनके खिलाफ राजद्रोह के आरोप के चलते हिरासत में लिया गया था।
दिल्ली: जेपी नड्डा ने ‘जन जागरण अभियान’ समिति के सदस्यों की बैठक बुलाई
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के मुद्दे को लेकर गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एक अहम बैठक कर रही है। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की अध्यक्षता में यह बैठक यहां पार्टी मुख्यालय में हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को हुई रैली में दावा करते हुए कहा था कि एनआरसी की कोई बात नहीं हुई है, जिसके बाद से राष्ट्रीय राजधानी में सीएए को लेकर हुए शुरुआती विरोध प्रदर्शनों का असर कम होता जा रहा है। इसी क्रम में भाजपा नए कानून को लेकर जनता की धारणा को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रही है।
बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष, केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल, मुख्तार अब्बास नकवी, किरेन रिजिजू, अर्जुन राम मेघवाल और गजेंद्र सिंह शेखावत भी शामिल हैं।
अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने पर पार्टी की स्थिति स्पष्ट कर अल्पसंख्यक समुदाय के एक मुखर नए नेता के तौर पर उभरे लद्दाख सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल, पार्टी के सांसद और सोशल मीडिया पर भी लोकप्रिय नेता राजीव चंद्रशेखर और जी.वी.एल. नरसिम्हा राव जैसे नेता भी इसका हिस्सा हैं।
गुरुवार को बंद दरवाजे के पीछे हो रही इस बैठक का मकसद विवादास्पद नागरिकता संशोधन अधिनियम पर पार्टी के स्टैंड को और अधिक मजबूत कर इसे नागरिकों के बीच इसे अधिक आश्वस्त करना है। बैठक में उपस्थित लोगों को पार्टी के रुख को आगे बढ़ाने के लिए विशिष्ट जिम्मेदारियां दी जा सकती हैं।
कांग्रेस स्थापना दिवस पर प्रियंका गांधी कर सकती हैं सीएए विरोध प्रदर्शनकारियों का हौसला-अफजाई
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 28 दिसंबर को कांग्रेस के स्थापना दिवस पर लखनऊ आ सकती हैं और नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर शांतिपूर्वक आंदोलन करने वालों की हौसला-अफजाई कर सकती हैं। हालांकि पदाधिकारी खुलकर जानकारी देने से मना कर रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो प्रियंका गांधी 28 दिसम्बर को लखनऊ आकर सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए आंदोलन में शामिल होने वालों का हौसला-अफजाई करेंगी। कांग्रेस की ओर से अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन कार्यक्रम को लेकर तैयारियां युद्घ स्तर पर हो रही हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने इस दिन शांति मार्च का आयोजन करने की योजना बनाई है, जिसमें प्रियंका गांधी के शामिल होने की उम्मीद है। इसका एक कारण यह भी बताया जा रहा है कि लखनऊ में एनआरसी और सीएए को लेकर पिछले दिनों हुई घटनाएं भी हैं। शांति मार्च का आयोजन सेवादल की ओर से किया जा रहा है और इस दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी विचार गोष्ठी भी आयोजित कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि पार्टी के स्थापना दिवस में दिल्ली में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली के कार्यक्रम में शामिल होंगे जबकि प्रियंका गांधी लखनऊ के कार्यक्रम में शामिल होंगी।
उधर कांग्रेस के निष्कासित नेता भी स्थापना दिवस जोर शोर से मनाने की तैयारी कर रहे हैं इसलिए पार्टी की ओर से इस पर भी नजर रखने का इशारा किया गया है।
मध्य प्रदेश : कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि राज्य सीएए लागू करने के लिए बाध्य
मध्य प्रदेश सीएम कमलनाथ द्वारा राज्य में सीएए लागू नहीं किए जाने की घोषणा के बाद,भाजपा राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि कमलनाथ को संविधान पढ़ना चाहिए। राज्य सीएए लागू करने के लिए बाध्य हैं।
उत्तर प्रदेश : आगरा में इंटरनेट सेवाएं निलंबित
आगरा के जिला प्रशासन ने बताया है कि मोबाइल इंटरनेट सेवाएं और ब्रॉडबैंड सेवाएं आज सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक निलंबित रहेंगी।