प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ हिंसा करने वालों से कहा कि ऐसे लोगों को खुद से सवाल पूछना चाहिए कि क्या उनका रास्ता सही है। मोदी अटल जी की 95वीं जयंती पर आज यहां उनकी प्रतिमा का अनावरण करने के बाद एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन में जिस सार्वजनिक संपत्ति को उन्होंने तोड़ा, क्या वह उनके परिवार के काम नहीं आती? इस तरह अफवाहों पर हिंसा करने से उनका खुद का ही नुकसान है। जो इस प्रकार की हिंसा कर रहे हैं, उनको खुद से पूछना चाहिए कि क्या उनका रास्ता सही है।”
मोदी ने कहा, “ऐसे लोग जो लंबे समय से नागरिकता न मिलने के कारण मुश्किलों का सामना कर रहे थे। उन्हें नए कानून (सीएए) के तहत नागरिकता प्रदान की है। हम 2014 से ही चुनौतियों को चुनौती दे रहे हैं। मुश्किलें आती हैं, लेकिन हम चुनौतियों को चुनौती दे रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक को बेहतर सार्वजनिक सुविधाएं पाने का हक है, लेकिन उनका संरक्षण करना भी उनकी जिम्मेदारी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “भविष्य में हमारा मूल्यांकन दो बातों से होगा। एक है कि विरासत में मिली समस्याओं को हमने कैसे सुलझाया और दूसरा राष्ट्र के विकास के लिए हमने अपने प्रयासों से कितनी मजबूत नींव रखी है। हमें विरासत में अनुच्छेद 370 मिला। उसे हमने हटाया और बहुत आसानी से ऐसा कर दिखाया।”
मोदी ने कहा, “मेरा सौभाग्य है कि दूसरे महत्वपूर्ण कार्यक्रम में यहां आने का अवसर मिला है। अटल जी की भव्य प्रतिमा लोगों को सुशासन की निरंतर प्रेरणा देती रहेगी। अटल बिहारी चिकित्सा विश्वविद्यालय का शिलान्यास करना मेरे लिए सौभाग्य के पल हैं। अटल जी ने लखनऊ के लिए अनेक योजनाएं शुरू की थी। उन्होंने लखनऊ को नई पहचान देने के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए।”
प्रधानमंत्री अटल भूजल योजना का जिक्र करते हुए कहा कि छह हजार करोड़ रुपये की इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश सहित देश के सात राज्यों में भूजल के स्तर को सुधारने के लिए काम किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य के क्षेत्र के लिए सरकार का रोड मैप है -प्रिवेंटिव हेल्थ केयर पर काम करना, अफोर्डेबल हेल्थकेयर का विस्तार करना, सप्लाई साइड इंटरवेंशन यानी इस सेक्टर की हर डिमांड को देखते हुए सप्लाई को सुनिश्चित करना और मिशन मोड इंटरवेंशन।”
मोदी ने कहा, “आयुष्मान भारत के कारण देश के करीब 70 लाख गरीब मरीजों का मुफ्त इलाज हो चुका है, जिसमें करीब 11 लाख यहीं यूपी के हैं। स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाओं को गांव-गांव तक सुलभ कराने का जो अभियान यहां की सरकार ने चलाया है, वह यूपी के लोगों के जीवन को आसान बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।”