Fri. Nov 22nd, 2024
    सत्यपाल सिंह मंत्री

    भारतीय वैज्ञानिको ने कहा है कि, केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह का वह बयान जिसमे उन्होंने चाल्र्स डार्विन की क्रमागत उन्नति को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गलत बताया था, वह काफी भ्रमित करने वाला और बिना किसी सबूत के था।

    मानव संसाधन विकास मंत्री, सिंह ने शनिवार को एक बयान मे कहा था कि, “डार्विन का सिद्धांत वैज्ञानिक दृष्टिकोण से गलत है। स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम मे इसे बदला जाना चाहिए। इंसान हमेशा से धरती पर मौजूद था और हमारे किसी भी वंशज ने बंदर को इंसान बनते नही देखा है।”

    अंकित सुले, जो कि टीफर, मुंबई मे शोध के क्षेत्र मे कार्यरत है, उन्होंने एक सर्कुलर अपने संस्थान के सारे वैज्ञानिको मे परिचालित किया। उनका कहना है कि इस सर्कुलर को मंगलवार को वह पीएमओ मे ज़मा कराया जाएगा। सुले कहते है कि, “तथ्यों के आधार पर, डार्विन के सिद्धांत को वैज्ञानिक समुदाय ने कभी भी नही नकारा। इसके उलट हर नई खोज, डार्विन के सिद्धांत को आधार मानती है।”

    एक अखबार को सुले ने बताया कि, उन्होंने अपने बयान को सर्कुलर के रूप मे सारे वैज्ञानिको मे परिचालित किया। इस सर्कुलर पर 2000 वैज्ञानिकों के हस्ताक्षर है।

    सुले ने आगे कहा कि “हम आए दिन मंत्रीजी लोग बेतुके बयान देते रहते है। अगर डार्विन के सिद्धांत को पाठ्यक्रम से हटाया गया तो आने वाली पीढ़िया गलत विज्ञान पढ़ेंगी। सुले ने सर्कुलर मे आगे लिखा था कि, “बंदर और इंसानों के वंशज एक थे, ना कि बंदर इंसान मे बदले थे।”