दिल्ली पुलिस के 19 दिसंबर को दिए आदेश के बाद राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में दूरसंचार सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था। इस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की अध्यक्षता में याचिका को खारिज करते हुए अदालत की एक खंडपीठ ने कहा, “हमें रिट याचिका का कोई कारण नजर नहीं आता है। 19 दिसंबर, 2019 को सुबह नौ बजे से अपराह्न् एक बजे तक चार घंटे के लिए सेवाएं रोक दी गई थीं। यह अस्थायी था और उक्त अवधि पहले ही खत्म हो चुकी है।”
अदालत ने कहा, “रिट याचिका न्यायालय की प्रमुख शक्ति है। हम अनुच्छेद 226 के तहत इस शक्ति का प्रयोग करने का कोई कारण नहीं देख पा रहे हैं।”
नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली के कुछ हिस्सों में वॉयस कॉल, एसएमएस और इंटरनेट सेवाओं को निलंबित करने के आदेश डीसीपी स्पेशल सेल प्रमोद सिंह कुशवाहा ने 18 दिसंबर को दिए थे।
अदालत ने आगे कहा, “18 दिसंबर, 2019 को डीसीपी द्वारा दिए गए आदेश से यदि कोई व्यक्ति व्यथित हुआ, तो वह स्वयं अपनी रिट याचिका दायर कर सकता है और कानून के अनुसार समाधान खोज सकता है।”