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    लखनऊ पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है और दावा किया कि राजधानी में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों के दौरान गुरुवार को हिंसा का मास्टरमाइंड यही संगठन है। राजधानी में हुए सीएए विरोधी प्रदर्शनों में गुरुवार को एक व्यक्ति की मौत हो गई और 50 लोग घायल हो गए थे।

    गिरफ्तार लोगों की पहचान पीएफआई अध्यक्ष वसीम अहमद, कोषाध्यक्ष नदीम, मंडल अध्यक्ष अशफाक के रूप में हुई है।

    लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) कलानिधि नैथानी ने सोमवार रात पत्रकारों से कहा कि पीएफआई सदस्यों ने पूरे शहर में कई बैठकें कीं। उन्होंने कहा कि पुलिस को इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और प्रत्यक्षदर्शियों के माध्यम से ठोस सबूत मिले हैं।

    एसएसपी ने कहा, “पीएफआई ने विभिन्न कॉलोनियों सीएए और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) से संबंधित आपत्तिजनक जानकारियों की पंपलेट, तख्तियां और अन्य वस्तुएं वितरित कीं तथा सोशल मीडिया पर प्रसारित कीं।”

    उन्होंने कहा कि पीएफआई कार्यकर्ताओं ने रिहाई मंच समेत अन्य संगठनों के साथ शहर में भीड़ इकट्ठी की। रिहाई मंच का एक कार्यकर्ता रॉबिन वर्मा पहले ही जेल में है।

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