दिल्ली के सबसे बुजुर्ग मतदाता बच्चन सिंह का यहां सोमवार को 111 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने इस साल के आम चुनाव में भाग लेते हुए संत गढ़ में एक मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। बच्चन सिंह को इस वर्ष मई में हुए आम चुनाव के दौरान दिल्ली में मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा सबसे पुराने मतदाता के रूप में सम्मानित किया गया था।
इस संबंध में चुनाव आयोग द्वारा उन्हें अपने माताधिकार का प्रयोग करने के लिए निमंत्रण और प्रमाणपत्र दिया गया था। मीडिया ने चुनावों के दौरान उन्हें खूब कवर किया था।
सिंह ने युवाओं को लिए एक उदहारण पेश किया था कि वह बाहर आएं और मतदान करें।
इस साल की शुरुआत में मतदान करने आए सिंह ने कहा था, “जब मैं 111 साल का होकर उम्र के इस पड़ाव में आकर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकता हूं, तो युवा ऐसा क्यों नहीं कर सकते हैं।”
उनके परिजनों के अनुसार, वह हमेशा इस बात का ध्यान रखते थे कि कोई अपने मताधिकार का प्रोयग करने से चूके नहीं।
पंजाब के गुरदासपुर स्थित पिंड-अलावलपुर में भारत के स्वतंत्र होने से पहले सिंह का जन्म वर्ष 1907 में हुआ था। वह एक बढ़ई का कार्य किया करते थे और काम के लिए पाकिस्तान के बनने से पहले वहां चलकर जाया करते थे, जो उनके घर से केवल एक किलोमीटर दूर है।
भारत के स्वतंत्र होने से पहेल और स्वतंत्र होने के बाद की उनकी बहुत सी यादें हैं। उनके परिजनों ने आईएएनएस के साथ ऐसी एक याद को साझा किया।
उनके बड़े बेटे ने कहा, “जब देश का विभाजन हुआ, तब वह अपनी दुकान पर थे और उन्हें इसका ज्ञान नहीं था। घर आने के लिए वह जब निकले तो उस वक्त हुई हिंसा के बीच किसी तरह से जान बचाकर वह वापस आ पाए थे।”