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    कड़ाके की ठंड के बीच सैकड़ों लोगों ने भारत के विवादास्पद नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में रविवार को भारत के दूतावास के सामने एकत्र होकर प्रदर्शन किया। ‘द अमेरिकन बाजार’ के मुताबिक, महात्मा गांधी की प्रतिष्ठित प्रतिमा के सामने रविवार को एनआरसी और सीएए के विरोध में आयोजित रैली में 500 से अधिक लोगों ने भाग लिया, जिससे यह हाल के वर्षो में इस स्थल पर आयोजित सबसे बड़े विरोध रैली में से एक की फेहरिस्त में शामिल हो गया।

    विरोध के दौरान लोग बार-बार ‘आजादी’ शब्द बोल रहे थे।

    केरल के एक आप्रवासी, बेसिल बेबी ने कहा, “हमने ऐसा बनने की उम्मीद नहीं की थी। हम एक धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य हैं।”

    उन्होंने कहा, “अब सरकार लोगों को उनके धर्म या धार्मिक विचारों से विभाजित करने की कोशिश कर रही है, जो सही नहीं है। यह वह नहीं है जो हम हैं। इसलिए हम यहां शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।”

    जबकि भीड़ का एक बड़ा प्रतिशत पहली पीढ़ी के भारतीय अमेरिकी मुसलमानों का था, इस आयोजन में विभिन्न मतों को मामने वाले भारतीय-अमेरिकियों को देखा गया। कई प्रथम पीढ़ी के भारतीय-अमेरिकी, जिन्होंने भारत में अपने प्रारंभिक वर्ष बिताए, अपने बच्चों के साथ आए।

    इस प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य इस बारे में जागरूक करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शेष भारत सरकार को संदेश भेजना रहा।

    रैली के आयोजकों द्वारा पारित एक प्रस्ताव में कहा गया है कि सीएए और एनआरसी दोनों के संभावित कार्यान्वयन से बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच भारी संघर्ष होने की संभावना है, जिससे भारतीय मुसलमानों की नागरिकता के दर्जे में कमी आएगी।

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