जाने-माने अर्थशास्त्री व प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन बिबेक देबरॉय ने विश्व बैंक के ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स की आलोचना करते हुए सोमवार को कहा कि जिस इंडेक्स में पहले भारत ने खासा प्रगति की है, उसे सिर्फ देश के दो शहरों को लेकर तैयार किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि भारत के लिए सूचकांक के शोध के नमूने का आकार सिर्फ 30 है।
देबरॉय ने इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक समारोह में कहा, “विश्व बैंक का ईज ऑफ डुइंग बिजनेस संकेतक सिर्फ दो शहरों के सर्वेक्षण पर आधारित है और भारत के लिए सैंपल साइज करीब 30 है और कुछ अन्य देशों के लिए सैंपल साइज 2 या 3 है। इसके बावजूद, यह विश्व बैंक है..”
यह बयान खासा महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत ने हाल में ही विश्व बैंक इंडेक्स रैंकिंग में सुधार किया है। अक्टूबर में जारी नवीनतम रैंकिंग में भारत ने 14 पायदान की छलांग लगाकर 63वां स्थान हासिल किया और 10 प्रगति करने वाले देशों में शामिल है।
सरकार भी रैंकिंग में सुधार का हवाला देती है और अर्थव्यवस्था व व्यापार के माहौल में सुधार की बात कहती है।