जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में रविवार को हुए बवाल के बाद सतर्क हुई दिल्ली पुलिस रात भर सड़कों पर डटी रही, ताकि फिर कहीं कोई नई मुसीबत खड़ी न हो जाए। साथ ही दिल्ली पुलिस मुख्यालय ने तमाम फोर्स को हर वक्त ‘अलर्ट’ रहने को भी कहा है। दिल्ली पुलिस आयुक्त की रिजर्व ‘फोर्स’ को भी एहतियातन किसी भी परिस्थिति का सामना करने को एकदम तैयार रहने के कहा है।
रविवार को दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली जिले में हुए बवाल से चेती दिल्ली पुलिस रात भर राजधानी की सड़कों पर गश्त करती रही। सभी थानों में मौजूद स्टाफ को भी अलर्ट रहने को कहा गया है। जिन इलाकों में शांति थी, उन इलाकों के तमाम थानों, जिला स्पेशल स्टाफ की टीमों को भी सड़क पर उतार दिया गया।
सोमवार तड़के करीब पांच बजे तक सबसे ज्यादा पुलिस फोर्स की सड़क पर मौजूदगी जामिया, ओखला, कालिंदी कुंज, सरिता विहार, कालका जी, सनलाइट कालोनी, डीएवी कॉलेज के आसपास के इलाकों में देखी गई। उल्लेखनीय है कि रविवार को इन्हीं क्षेत्रों के कुछ इलाके आगजनी और पथराव के शिकार हुए थे।
दिल्ली पुलिस मुख्यालय के एक उच्च पदस्थ सूत्र ने सोमवार को आईएएनएस को बताया, “नई दिल्ली जिले में मौजूद महकमे के डिप्लॉयमेंट सेल को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है। आपात स्थिति में अतिरिक्त पुलिस फोर्स और अर्धसैनिक बल का इंतजाम सबसे पहले इसी सेल द्वारा किया जा सकता है।'”
सूत्रों के मुताबिक, डिप्लॉयमेंट सेल को आला पुलिस अफसरों ने हिदायत दी है कि वो जंतर-मंतर पर होने वाले धरना-प्रदर्शन पर लगने वाले पुलिस कर्मियों की संख्या वहां से कम करके ‘रिजर्व’ में रखे, ताकि आपात स्थिति में जरूरत पड़ने पर फोर्स को इधर-उधर से इकट्ठा न करना पड़े।
सोमवार को भी जामिया विवि और उसके आसपास स्थानीय पुलिस, सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के खुफिया तंत्र को सतर्क रहने को कहा गया है। पुलिस और उसके खुफिया तंत्र की कोशिश है कि किसी भी तरह से सोमवार को दिन के वक्त अफवाह फैलाने वालों को पकड़ा जाए।
दक्षिणी-पूर्वी जिला पुलिस मुख्यालय के एक आला पुलिस अफसर ने सोमवार को आईएएनस को बताया, “रविवार को भी हालात दरअसल कुछ अफवाहों के चलते ही बेकाबू हुए थे। सोमवार को पुलिस पेट्रोलिंग के दौरान खुफिया तंत्र भी बेहद सजग रहेगा ताकि स्थानीय लोग आपस में मिल-बैठकर अफवाहों का जन्म ही ना होने दें।”
रविवार पूरी रात दिल्ली पुलिस ने दक्षिणी-पूर्वी दिल्ली के इलाकों में छापेमारी की। यह छापेमारी तड़के करीब चार बजे खत्म हुई। इसका मकसद रविवार को इलाके में मची तबाही में शामिल आरोपियों/संदिग्धों को गिरफ्तार करना था।
करीब 100 से ज्यादा संदिग्ध उपद्रवियों को रात भर चली छापामारी के दौरान हिरासत में लिया गया है। दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, “छापामारी के दौरान पकड़े गए संदिग्धों को सबसे ज्यादा तादाद में कालका जी थाना परिसर में बंद करके रखा गया। इसके अलावा सनलाइट कालोनी थाने सहित अन्य जगहों पर भी उपद्रवियों को पकड़ कर रखा गया। हिरासत में लिए गए संदिग्धों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की रूपरेखा सोमवार को बनाई जाएगी।”
दिल्ली पुलिस आयुक्त की ‘रिजर्व’ फोर्स को भी अलर्ट कर दिया गया है। हालांकि इस फोर्स को कहीं भेजा भले न गया हो, मगर आपात स्थिति में ‘सीपी रिजर्व’ और अर्धसैनिक बल बेहद काम के साबित होते हैं। दिल्ली पुलिस मुख्यालय की ओर से बाकी तमाम जिलों के डीसीपी और परिक्षेत्रों के संयुक्त पुलिस आयुक्तों और विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था को भी हर वक्त सतर्क रहने को कहा गया है।
सबसे ज्यादा दबाव दिल्ली पुलिस ने अपने विभागीय खुफिया तंत्र (स्पेशल ब्रांच) पर बनाया है ताकि अनहोनी घटने से पहले ही गुप्त सूचनाएं एकत्रित करके जामिया जैसे हालातों को पैदा होने से पहले ही रोका जा सके।
सोमवार को आईएएनएस से बातचीत में रोहिणी जिले के कार्यवाहक डीसीपी और एडीशनल डीसीपी जितेंद्र मीणा ने बताया, “पूरे जिले की फोर्स को सतर्क कर दिया गया है। कोशिश है कि हम ज्यादा से ज्यादा खुफिया जानकारी जुटा सकें ताकि हालात बिगड़ने की नौबत ही न आए।”