बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के पारित होने के बाद गुरुवार को भारत की अपनी यात्रा स्थगित कर दी है। विदेश मंत्रालय का हालांकि कहना है कि दोनों घटनाक्रमों का आपस में कोई संबंध नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए. के. अब्दुल मोमिन ने अवगत कराया है कि उन्होंने 16 दिसंबर को बांग्लादेश के विजय दिवस के स्मरणोत्सव से संबंधित घरेलू मुद्दों के कारण अपना कार्यक्रम बदल दिया है।
कुमार ने कहा, “उन्होंने हमें यात्रा के स्थगित होने के बारे में सूचित किया है। उन्होंने यह भी बताया है कि मंत्री ने 16 दिसंबर को बांग्लादेश के विजय दिवस की स्मृति से संबंधित घरेलू मुद्दों पर अपना कार्यक्रम बदल दिया है।”
उन्होंने कहा कि संसद द्वारा नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित करने और इस घटनाक्रम के संबंध में किसी भी तरह की अटकलें अनुचित हैं।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की वर्तमान सरकार संसद में अपने भाषण से गृहमंत्री अमित शाह की टिप्पणी के हवाले से धार्मिक अल्पसंख्यकों का ख्याल रख रही है।
उन्होंने संसद में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा की गई टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि बांग्लादेश की वर्तमान सरकार अल्पसंख्यकों का ख्याल रख रही है।
कुमार ने कहा कि दोनों राष्ट्र मानते हैं कि यह उनके संबंधों का स्वर्णिम युग है।
उन्होंने कहा, “हमने कभी नहीं कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न हुआ है।”
लोकसभा द्वारा सोमवार रात सीएबी विधेयक पारित किए जाने के बाद से ही बांग्लादेश की सीमा से लगे असम में इसके खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। विधेयक को राज्यसभा में भी बुधवार को पारित कर दिया गया, जिसके बाद यह प्रदर्शन और भी तेज हो गए हैं।
राज्य के प्रदर्शनकारी हजारों की संख्या में सड़कों पर उतर आए हैं। वे टायर जला रहे हैं और सार्वजनिक स्थानों को निशाना बना रहे हैं। स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए गुवाहाटी में कर्फ्यू लगाना पड़ा है। इसके अलावा प्रशासन द्वारा राज्य के 10 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया गया है।
इसके अलावा बड़ी संख्या में छात्रों सहित प्रदर्शनकारियों ने दुकानों और बाजारों को जबरन बंद कराया।