नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) के खिलाफ पूर्वोत्तर के राज्यों में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों पर कांग्रेस ने गुरुवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि वह सेना की तैनाती और मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को बंद कर कश्मीर की स्थिति को दोहरा रही है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शून्य काल के दौरान यह मामला उठाया।
सोशल मीडिया का इस्तेमाल दुष्प्रचार के लिए न किया जा सके, इसलिए एहतियातन असम के 10 जिलों में इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है। गुवाहाटी नागरिकता संशोधन विधेक के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों का केंद्र बन गया है, जिसके चलते असम सरकार को शहर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगाना पड़ा है।
लोकसभा में सोमवार मध्य रात्रि को पास हुआ विधेयक, बुधवार रात राज्यसभा से भी पास हो गया है। इसके बाद विरोध प्रदर्शन और उग्र हो गए, जिसे देखते हुए सरकार को इस प्रकार के कदम उठाने पड़े।
त्रिपुरा में मंगलवार को हुए हिंसक प्रदर्शनों की पुनरावृत्ति को रोकने के मकसद से असम राइफल्स की टुकड़ियां क्षेत्र में तैनात की गई हैं।
चौधरी ने कहा, “संसद के दोनों सदनों से पास हुए विधेयक के बाद से क्षेत्र में उथलपुथल मची हुई है। पहले ही सेना की तैनाती की गई है। इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में कश्मीर की स्थिति को दोहराया गया है।”
पश्चिम बंगाल के सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के कारण कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं।
उन्होंने सरकार से इस मुद्दे को हल करने में मदद करने का आग्रह करते हुए कहा, “अब पूर्वोत्तर में यह हो रहा है। दोनों ही क्षेत्रों का सामरिक महत्व है।”
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश सरकार ने कहा है कि “जो भारत सरकार कर रही है वह उचित नहीं है। लाखों करोड़ों हिंदू बांग्लादेश में शांतिपूर्वक रहते हैं।”
कांग्रेस नेता को बीच में टोकते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, “बांग्लादेश और ब्रिटेन भारत की संसद को नहीं चला सकते हैं। भारतीय संसद में भारतीय संविधान के नियम और प्रक्रियाओं के अनुरूप कार्य किया जाएगा, न कि किसी देश के मार्गदर्शन से।”
इसबीच, चौधरी ने कहा, “हम नहीं चाहते कि बांग्लादेश के साथ हमारे संबंध प्रभावित हों, क्योंकि चीन और पाकिस्तान इस परिस्थिति का लाभ उठाने की कोशिश में हैं। मैं चाहता हूं कि सरकार इसे समझे। “