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    भारत ने बुधवार को अपने पीएसएलवी रॉकेट का उपयोग करते हुए नवीनतम रडार इमेजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह रीसैट-2बीआर1 और चार देशों के नौ विदेशी उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में भेजा।

    नौ विदेशी उपग्रहों को कक्षा में भेजने के साथ ही भारत ने 1999 के बाद से कुल 319 विदेशी उपग्रहों को प्रक्षेपित करने का आंकड़ा छू लिया है।

    भारत का नवीनतम रडार इमेजिंग पृथ्वी निगरानी उपग्रह आकाश में निगरानी करेगा। यह उपग्रह कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन के लिए साफ तस्वीरें भेजने में सक्षम होगा।

    उपग्रह कैमरा बादलों के बीच देखने और तस्वीरें लेने में भी सक्षम है।

    भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि वे विभिन्न एजेंसियों के लिए आवश्यक तस्वीरों की आपूर्ति करेंगे। यह निर्णय भारतीय एजेंसी लेगी कि किन तस्वीरों का उपयोग किया जाना है।

    इस तरह का एक और उपग्रह रीसैट-2बीआर2 जल्द ही इसरो द्वारा लॉन्च किया जाएगा।

    इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने कहा, “मुझे यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी हो रही है कि 50वें पीएसएलवी रॉकेट ने रीसेट-2बीआर1और नौ विदेशी उपग्रहों को सटीक तरीके से कक्षा में भेज दिया है।”

    उन्होंने कहा कि पीएसएलवी रॉकेट टीम का पिछले 26 वर्षो में श्रीनिवासन, माधवन नायर, आर. वी. पेरुमल, रामकृष्णन और अन्य प्रख्यात व्यक्तियों द्वारा नेतृत्व किया गया है।

    सिवन ने कहा कि पीएसएलवी रॉकेट के अब पांच संस्करण हैं। जिस रॉकेट में पहले 850 कि. ग्रा. वजन ले जाने की क्षमता थी, अब उसकी वहन क्षमता 1.9 टन है।

    उन्होंने कहा कि पीएसएलवी रॉकेट अभी तक कुल 52.7 टन वजन अपने साथ लेकर जा चुका है और इसमें से 17 फीसदी ग्राहक (विदेशी) उपग्रह हैं।

    रीसैट-2बीआर1 और नौ विदेशी उपग्रहों के साथ पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-क्यूएल (पीएसएलवी-क्यूएल) रॉकेट बुधवार दोपहर लगभग 3:25 बजे प्रक्षेपित किया गया।

    यह पीएसएलवी रॉकेट की 50वीं उड़ान और श्रीहरिकोटा रॉकेट पोर्ट के लिए 75वां रॉकेट मिशन था।

    अपनी उड़ान भरने के महज 16वें मिनट में रॉकेट ने पहले रीसैट-2बीआर1 को कक्षा में स्थापित किया। इसके एक मिनट बाद ही नौ विदेशी उपग्रहों में से पहले उपग्रह को भी स्थापित कर दिया गया।

    आखिरी विदेशी उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने के साथ ही यह लॉन्च मिशन लगभग 21 मिनट में ही समाप्त हो गया।

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